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अर्थव्यवस्था को समावेशी विकास पथ पर ले जाएगा बजट : सीआईआई

लखनऊ। केंद्रीय बजट से उद्योग जगत में नयी आशा जगी है। उद्योगपतियों का मानना है कि कोविड महामारी से तबाह अर्थव्यवस्था को बजट से नयी ऊर्जा मिलेगी। कन्फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) के उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष निखिल साहनी कहते भी हैं कि केंद्रीय बजट कोविड-19 महामारी से तबाह अर्थव्यवस्था की पृष्ठभूमि में जीवन और आजीविका पर केंद्रित है। इसमें पूंजीगत व्यय में वृद्धि, भौतिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य देखभाल खर्च आदि के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसे बढ़ावा देने के लिए किये गये संतुलन सराहना योग्य हैं। बजट में जीवन, आजीविका और विकास को केंद्रित किया गया है जो अर्थव्यवस्था को समावेशी विकास पथ पर ले जायेगा।


साहनी ने कोविड-19 टीकाकरण के लिए 35,000 करोड़ रुपये के आवंटन का स्वागत किया। कहते हैं कि इससे जनता के बीच टीकाकरण की कवरेज में वृद्धि करने में मदद मिलेगी। वर्ष 2021-22 के दौरान 17 राज्यों को राजस्व घाटे को पूरा करने के लिए 1,18,452 करोड़ रुपये के अनुदान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि इससे राज्यों को कम जीएसटी संग्रह के कारण हुए विकास और पूंजीगत व्यय योजना को पूरा करने में मदद मिलेगी। अर्थव्यवस्था के लगभग सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल करने वाले साहसिक उपायों से वसूली प्रक्रिया को प्रेरित करने की उम्मीद है, जिसे गतिमान किया गया है। उत्तर भारत एमएसएमई क्षेत्र का प्रमुख केंद्र है। बजट घोषणाएं एमएसएमई के लिए बहुत सकारात्मक हैं, जो कृषि के बाद आजीविका के सबसे बड़े अवसर प्रदान करती हैं। कस्टम ड्यूटी संरचनाओं को युक्तिसंगत करने से इस क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। 

सात टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने की घोषणा से भारतीय कपड़ा उद्योग के तकनीकी उन्नयन और निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता में मदद मिलेगी। उत्तर में लुधियाना, भीलवाड़ा, गुड़गांव, पानीपत जैसे कई टेक्सटाइल हब हैं, जिनसे सकारात्मक लाभ होगा। भौतिक बुनियादी ढांचे के विस्तार पर जोर उत्तर भारत को बाकी दुनिया से जोड़ने में लंबा रास्ता तय करेगा। सीआईआई ने जून 2022 तक पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को पूरा करने की समय सीमा का भी स्वागत किया। ये कॉरिडोर उत्तरी क्षेत्र के राज्यों को पश्चिमी और पूर्वी भारत के बंदरगाहों से जोड़ेगा। 1,000 और मंडियों को ई-नाम छतरी के तहत लाने और वित्त वर्ष 2021-22 में कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा से पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान जैसे कृषि प्रधान राज्यों को काफी लाभ होगा। इसी प्रकार लेह (लद्दाख) में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा से वहां के युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने में काफी मदद मिलेगी। हम उम्मीद करते हैं कि सुधार प्रक्रिया बजट घोषणाओं से भी आगे जारी रहेगी। 

सीआईआई यूपी स्टेट काउंसिल के अध्यक्ष अंकित गुप्ता ने कहा कि केंद्रीय बजट संतुलित है और पिछले चलन के विपरीत, बाजार की धारणा सकारात्मक है। कोई नया उपकर या कराधान पेश नहीं किया गया है जो एक बड़ी राहत है और इससे अर्थव्यवस्था को बढ़ने में मदद मिलेगी। सीआईआई उत्तर प्रदेश के वाइस चेयरमैन सीपी गुप्ता कहते हैं कि केंद्रीय बजट ने बुनियादी ढांचे पर भी ध्यान दिया है क्योंकि सीआईआई ने भी सिफारिश की थी जो रोजगार सृजन में सहायक होगा।

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