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एमएसएमई सेक्टर को मिलेगी गति : आईआईए

लखनऊ। इंडियन इंड्रस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज कुमार कहते हैं कि बजट में एमएसएमई के लिए 15700 करोड़ का प्रावधान किया गया है। यह एक स्वागत योग्य कदम है। बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया गया है। पूंजी का आवंटन किया गया है। इसमें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत करने तथा उत्पादन लिंक इंसेंटिव की बात कही गयी है। निश्चित रूप से कोविड-19 के कारण एमएसएमई सेक्टर मांग में कमी की समस्या से जूझ रहा है। स्वास्थ्य एवं हेल्थ केयर क्षेत्र में काफी अधिक पूंजी के आवंटन का प्रावधान किया गया है। मेडिकल इक्विपमेंट व स्वास्थ्य उपकरण बनाने में एमएसएमई सेक्टर में अपार संभावनाएं विद्यमान है। इस क्षेत्र में पूंजी के प्रवाह से एमएसएमई के विकास को गति मिलेगी। बजट में आयरन एंड स्टील क्षेत्र में कस्टम ड्यूटी में कमी करने की घोषणा एमएसएमई के लिए लाभदायक होगी। लेदर एवं असेसरीज पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की घोषणा से घरेलू उद्योग का विकास सुनिश्चित होगा। अप्रत्यक्ष कर में काफी समय से सरकार द्वारा समय-समय पर सहूलियतें दी गयी हैं। हालांकि बजट में इसका उल्लेख नहीं आया है, लेकिन इससे एमएसएमई को राहत मिलने की उम्मीद है। इंफ्रास्ट्रक्चर में रोड एवं अन्य विकास, डिफेंस एवं रेलवे में काफी बजट आवंटित किया गया है। इन क्षेत्रों में एमएसएमई की भागीदारी अच्छी है। इससे भी एमएसएमई का विकास होगा। बिजली के वितरण में एक से अधिक कंपनियों के आने से प्रतिस्पर्धात्मक रेट पर बिजली उपलब्ध होगी जो इंडस्ट्री के लिए अच्छा है। कृषि के क्षेत्र में बजट का आवंटन एग्रो फूड इंडस्ट्री के लिए अच्छा संकेत है। यह बजट स्वागत योग्य है तथा हम इसे विकासोन्मुखी मानते हैं। 

संगठन के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनमोहन अग्रवाल ने कहा कि वित्तमंत्री ने इन्फ्रास्ट्क्चर, हेल्थकेयर एवं इन्वायरमेन्ट इत्यादि के क्षेत्र के विकास के लिए धन उपलब्ध कराने की बात कही गयी है। इन क्षेत्रों के विकास से अप्रत्यक्ष रूप से एमएसएमई सेक्टर का विकास होना सुनिश्चित है। एमएसएमई सेक्टर के लिए 15700 करोड़ राशि का आवंटन प्रदर्शित करता है कि केंद्र सरकार का ध्यान एमएसएमई के विकास की ओर है, जो सराहनीय कदम है।

आईआईए के राष्ट्रीय महासचिव अश्वनी खण्डेलवाल कहते हैं कि बजट में एलएलपी की इन्वेस्टमेन्ट लिमिट 20 लाख से 2 करोड़ कर दी गयी है तथा टर्नओवर लिमिट को 2 करोड़ से 20 करोड़ कर दिया गया है जो एमएसएमई के लिए सराहनीय कदम है। इस बजट में बिजली के वितरण में दो से अधिक कंपनी के आने से इंडस्ट्रीज एवं जनता को लाभ होगा तथा कीमतें प्रतिस्पर्धात्मक होंगी। एमएसएमई सेक्टर के लिए 15700 करोड़ का प्रावधान उद्योग जगत कि वर्त्तमान परिस्थितियों में नाकाफी है। कृषि क्षेत्र में वित्तीय घाटा 6.8 फीसद से पांच वर्षों में 4.5 प्रतिशत करने का संकल्प बेहतर है। इन्कम टैक्स केस की रिओपनिंग को 6 साल से 3 साल करने की व्यवस्था से खातों को अनावश्यक रूप से काफी लम्बे समय तक सुरक्षित रखना पड़ता था, उससे मुक्ति मिलेगी। उद्योग एवं व्यापार जगत के लिए यह मानसिक राहत है। स्वास्थ्य क्षेत्र में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दो गुने बजट का प्रावधान किया गया है जो एक अच्छा कदम है लेकिन इस बजट का अधिकतम उपयोग रिसर्च एवं डव्लपमेन्ट में किया जाना उचित होगा। कुल मिलाकर बजट अनुकूल है।

आईआईए के पूर्व अध्यक्ष संजय कौल ने बताया कि इन्फ्रास्ट्क्चर के मद में आवंटित धनराशि पांच वर्षों में खर्च होनी है। इसलिए एमएसएमई को इसका सामान्य लाभ मिलेगा। बंद इकाइयों के रिवाईवल के बारे में बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। कुल मिलाकर बजट सामान्य है। पूर्व अध्यक्ष प्रदीप आजाद का कहना है कि अधिक पूंजी के खर्च का प्रावधान करने से एमएसएमई सेक्टर को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा। 

डिविजनल चेयरमैन सूर्य प्रकाश हवेलिया ने कोविड सेस जैसे कोई टैक्स नहीं लगाने को उचित बताया। इन्फ्रास्ट्रक्चर, रोड, रेल क्षेत्र में एमएसएमई काफी संख्या में जुड़े हंै, इससे इनका विकास सुनिश्चित है। लोहे, कॉपर एवं पोलिएस्टर पर इम्पोर्ट डयूटी कम होने से आयरन, स्टील एवं अन्य उद्योगों से जुड़े एमएसएमई का मार्ग प्रशस्त होगा।

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