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किसी ने सराहा तो किसी ने बताया लोकलुभावन बजट

लखनऊ। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को पेश किए गए आम बजट की किसी ने सराहना की तो किसी ने इसे लोकलुभावन बजट बताया। बजट में अर्थ व्‍यवस्‍था को लेकर उठाए गए कदमों को लगभग सभी ने सराहा। लेकिन मंहगाई पर विशेष ध्यान न दिए जाने पर नाराजगी भी जताई। सोना- चांदी सस्ता होने पर महिलाओं ने खुशी जताई तो पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने पर रसोई का बजट बिगड़ने की चिंता जताई। महिलाओं का कहना है कि रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ने से आम आदमी का पूरा बजट बिगड़ जाता है।

आलोक अग्रवाल

वरिष्ठ समाजसेवी आलोक अग्रवाल ने कहाकि केंद्रीय वित्तमंत्री द्वारा पेश किए गए आम बजट में पेंशनर्स को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने से राहत दिया जाना सराहनीय कदम है। इनकम टैक्स के स्लैब में परिवर्तन न होना, कोविड-19 के दौर में निराशाजनक रहा। खाद्य पदार्थों पर सेस शुल्क बढ़ाये जाने से मध्यमवर्गीय परिवार पर बोझ पड़ना अवश्यम्भावी है। कुल मिलाकर बजट सन्तोषजनक है।

शालिनी तिवारी

राजकुमार एकेडमी, मेहंदीगंज राजाजीपुरम शाखा की प्रधानाचार्या शालिनी तिवारी ने कहाकि बजट हर वर्ष की तरह बड़ी मेहनत से तैयार किया गया है। परन्तु हमेशा की तरह मध्यम वर्गीय के हित पर कुछ भी नहीं है। कोरोनाकाल में शिक्षा की रोशनी फैलाने वाले बजट में प्राइवेट अनएडेड स्कूल के कर्मचारियों के हाल पर तो किसी का भी ध्यान नहीं है।

संघमित्रा

केंद्रीय विद्यालय एएमसी शाखा की शिक्षिका संघमित्रा ने कहाकि केंद्रीय वित्तमंत्री द्वारा पेश किए गए आम बजट में जनता की आम जरूरतों का ख्याल रखा गया है। रोजमर्रा की चीज़ों को भी सस्ता किया है। सबसे खास बात यह है कि उन्होंने स्वास्थ्य को सर्वोपरि रखा है। आज आम से लेकर खास तक सभी  कोरोना जैसे वैश्विक महामारी से जूझ रहे है। जो खर्च का अधिक बोझ नहीं उठा सकते, उन्हें बहुत राहत मिली है। इस बजट में शिक्षा में भी विभिन्न योजना के लिए जो स्थान दिया है वो बेहद सराहनीय है। इस बजट का मैं अपने तहेदिल से सराहना करती हूं।

सरिता द्विवेदी

फैमली कोर्ट की अधिवक्ता सरिता द्विवेदी ने कहाकि कुछ वस्तुओं जैसे टेबलवेयर और किचनवेयर, फुटवियर, पंखों और खिलौनों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी गई है। सरकार को इस तरह के कदम उठाने चाहिए जिससे रसोई के खर्चे में कमी आये। हाल ही में महंगाई दर में काफी अधिक वृद्धि देखने को मिली है। कुछ माह पहले सब्जियों की आसमान छूती कीमतों ने हमारे पूरे परिवार के बजट को हिलाकर रख दिया था। अभी पेट्रोल, डीजल के रेट में तेजी से हो रही बढ़ोत्तरी से भी परिवार के खर्च का गणित गड़बड़ हो रहा है। सरकार को महंगाई पर काबू करने के लिए कदम उठाने चाहिए। दूसरी ओर, सुकन्या समृद्धि की तरह की योजना बच्चियों के अलावा महिलाओं के लिए भी आनी चाहिए। इससे महिलाओं के नाम पर सेविंग करने का चलन बढ़ेगा। 

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