लख़नऊ। यूपी की योगी सरकार ने सोमवार को डिजिटल बजट पेश किया। बजट में किसानों, महिलाओं, युवाओं सहित सभी वर्गों का ख्याल रखा गया। बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने कई घोषणाएं भी की। वहीं लोगों ने इस पर मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त की। किसी ने बजट की सराहना की तो किसी ने इसे लोकलुभावन बजट बताया।
आलोक अग्रवाल |
आलोक अग्रवाल (वरिष्ठ समाजसेवी)
मनोज कुमार |
बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर एवं सड़कों के बेहतरी पर विशेष ध्यान दिया गया है। साथ ही कृषि क्षेत्र के सुधार पर जोर दिया गया है। लेकिन बेहद अफसोस है कि मध्यमवर्गीय परिवारों व व्यापारी वर्ग को उपेक्षित किया गया है, जबकि यह वर्ग सबसे बड़े वोटर हैं। कोरोनाकाल के बाद स्वास्थ्य विभाग के बजट में उचित वृद्धि की गई है, जो सराहनीय है। लेकिन कोई खास प्रभावशाली बजट नहीं है।
मनोज कुमार (कारोबारी व समाजसेवी)
राघवराम तिवारी |
युवा हो, महिला हो या किसान, डिजिटल बजट में प्रदेश सरकार ने सभी वर्गों का विशेष ख्याल रखा है। बजट में बेटियों व महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई घोषणाएं की गई हैं। वहीं युवाओं को शिक्षित, सक्षम बनाने के लिए भी कई घोषणाएं हुई हैं। स्वच्छता व शुद्ध पेयजल के साथ ही बजट में प्रदेश चहुमुंखी विकास को भी खास स्थान दिया गया है।
राघवराम तिवारी (पार्षद, लाला लाजपतराय वार्ड)
अरुण प्रताप सिंह |
उत्तर प्रदेश सरकार का यह बजट प्रदेश को आर्थिक दृष्टि से और मजबूत बनाने के लिए और जन लोक कल्याणकारी बजट है। स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, ग्राम विकास पेयजल, स्वास्थ्य एवं बेहतर सुधार के लिए, शोषित, वंचित, जरूरतमंद लोगों के लिए कृषि एवं किसान के लिए, शिक्षा क्षेत्र के लिए सभी वर्गों का ध्यान रखते हुए इस बजट को पेश किया गया है। आत्मनिर्भर भारत बनाने का यह सपना उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से परिपूर्ण होता हुआ नजर आ रहा है।
अरुण प्रताप सिंह (सहसंयोजक)
भाजपा एनजीओ प्रकोष्ठ, लखनऊ महानगर
दीपक मिश्रा |
दीपक मिश्रा (नगर उपाध्यक्ष) भारतीय जनता युवा मोर्चा
मनोज सिंह चौहान |
योगी सरकार ने बहुत सुन्दर बजट पेश किया है। मन्दिर निर्माण के लिए एक सौ चौबीस करोड़ रुपये दिए गए है। इसके साथ ही साथ किसानों, महिलाओं के लिए भी कई घोषणाएं की गई हैं। सभी वर्गों का ध्यान रखकर बजट बनाया गया है। बेरोजगारी दूर करने व बेरोजगारो को रोजगार करने के लिए आसान लोन प्रक्रिया बनाया गया है। कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश का बजट लोकलुभावन है। सभी का थोड़ा थोड़ा ध्यान रखा गया है।
मनोज सिंह चौहान (समाजसेवी)
डा. शरद कुमार वैश्य |
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