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पुरानी पेंशन बहाली, वेतन विसंगति को लेकर बिजली कर्मियों में असंतोष

लखनऊ। विद्युत कर्मचारी पेंन्शनर वेलफेयर एसोसिएशन उ प्र की बैठक सोमवार को लेसा भवन कैसरबाग लखनऊ में सम्पन्न हुई। बैठक में पुरानी पेन्शन की बहाली /बिजली कर्मचारियों को इलाज कराने के लिए कैशलेश इलाज की सुविधा प्रदान न करने,  छठे/सातवें वेतनमान में कर्मचारियों की हुई वेतन विसंगति को दूर न करने, सातवें वेतनमान के बकाया देय एरियर की दूसरी किस्त के धनराशि का भुगतान न कराने के आदेश निर्गत न कराने, बिजली विभाग के सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को छह माह पूर्व खंडो द्वारा अदेयता प्रमाणपत्र उपलब्ध न कराने को कर्मचारियों के रोके गये मंहगाई राहत पर आदेश न होने आदि मांगों पर बैठक में व्यापक आक्रोश व असंतोष व्यक्त किया गया।

इस दौरान एसोसिएशन के वार्षिक सम्मेलन करने तथा अन्य पेन्शनर्स की मांगों पर विशेष चर्चा की गई। कार्यकारिणी की हुई बैठक को संबोधित करते हुए एसोसिएशन उ प्र के अध्यक्ष महातम पांडेे, कार्यवाहक अध्यक्ष आफाक हुसैन, उपाध्यक्ष माता प्रसाद पांडे, महामंत्री आर वाई शुक्ला आदि नेताओं ने कहा है कि नयी पेन्शन स्कीम से कर्मचारियों का हित नहीं अहित होगा। पुरानी पेंशन बहाल कराने को लेकर मुख्यमंत्री ने  केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर मांग उठाई थी। आज योगी जी स्वयं मुख्यमंत्री उ प्र सरकार में हैं, पुरानी पेंशन लागू करने के आदेश पारित करें। पेन्शनर्स कर्मचारियों ने इलाज कराने के लिए निशुल्क कैशलेश स्कीम लागू कराने की मांग उठाते आ रहें हैं परन्तु आज तक पेन्शनर्स 70/80वर्ष होने के उपरांत भी इलाज कराने व पैसे के भुगतान के लिए अस्पताल व कार्यालयों के दर दर भटकने पर मजबूर हैं। इलाज  धनराशि का पूरा भुगतान नही किया जा रहा है। पेन्शनर्स /कर्मचारियों का मंहगाई राहत रोक कर जो एक मात्र सहारा था वह भी उनसे छीन लिया गया जो पेन्शनर्स के हित में नहीं है। 

उक्त पदाधिकारियों ने कहा कि रोके गये मंहगाई राहत के भुगतान कराने के आदेश निर्गत कराने के 18 माह के देय एरियर को ब्याज सहित भुगतान कराने के आदेश निर्गत कराने व सातवेें वेतनमान की बकाया दूसरी किस्त के भुगतान कराने आदि मांगों पर पावर कार्पोरेशन व प्रदेश सरकार को अनेकों बार पेन्शनर्स एसोसिएशन द्वारा अवगत कराया गया है परन्तु आज तक प्रदेश सरकार व पावर कार्पोरेशन ने पेन्शनर्स कर्मचारियों की मांगों को गम्भीरता से न लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इस कारण 65 हजार बिजली के सेवानिवृत्त कर्मचारियों में व्यापक असंतोष व्याप्त है।एसोसिएशन ने केन्द्र व राज्य सरकार से पेन्शनर्स /कर्मचारियों की मांगों को शीघ्र समाधान कराने की मांग की है। 

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