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ओटीएस की असफलता का कारण पावर कार्पोरेशन का कुप्रबंधन : अभियंता संघ

लख़नऊ। सरकार द्वारा घोषित एकमुश्त समाधान योजना के क्रियान्वयन में आ रही व्यवहारिक कठिनाईयों को दूर कर पाने में असफल कारपोरेशन प्रबन्धन इसका ठीकरा अभियन्ताओं पर फोड़ कर अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है। जबकि सरकार की ओटीएस योजना का आम जनता तक सफलतापूर्वक पूर्ण लाभ न पहुंचा पाने में पावर कारपोरेशन प्रबन्धन की अदूरदर्शिता एवं कुप्रबन्धन मुख्य कारण रहा है। सरकार द्वारा इसका संज्ञान लेते हुए कारपोरेशन प्रबन्धन की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। सोमवार को उक्त मांग विद्युत अभियन्ता संघ द्वारा प्रदेश के अभियन्ताओं के साथ ओटीएस योजना की व्यवहारिक दिक्कतों पर हुए ‘संवाद कार्यक्रम’ में उठी। संघ के सुझावों पर प्रबन्धन द्वारा कोई ध्यान न दिये जाने से आहत विद्युत अभियन्ताओं का प्रतिनिधि मण्डल ऊर्जा मंत्री से शीघ्र ही मिलकर ओटीएस की व्यवहारिक दिक्कतों से अवगत कराएगा।

विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष इं. वी0पी0 सिंह एवं महासचिव इं. प्रभात सिंह ने बताया कि उपभोक्ताओं के हित में सरकार द्वारा 01 मार्च को ओटीएस योजना घोषित की गयी परन्तु इसके व्यवहारिक क्रियान्वयन हेतु कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा कोई तैयारी न किये जाने व व्यवहारिक दिक्कतों की ओर ध्यान आकृष्ट कराने के बावजूद उन्हें दूर कर पाने में विफल रहने के कारण यह योजना 31 मार्च तक बढ़ाई गयी। जबकि अभियन्ताओं द्वारा योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कर योजना का लाभ उठाने हेतु उपभोक्ताओं को प्रेरित किया गया। जिससे भारी संख्या में उपभोक्ता रजिस्ट्रेशन कराने उपकेन्द्रों/कार्यालयों पर पहुंचे परन्तु एमपावर पोर्टल के कार्य न कर पाने के कारण उपभोक्ता काफी समय तक लाइन में लगे रहने के पश्चात् विभाग को कोसते हुए वापस चले गये। संघ द्वारा पोर्टल पर आ रही दिक्कतों की ओर प्रबन्धन का तमाम बार ध्यान आकृष्ट कराया परन्तु प्रबन्धन द्वारा न तो उन दिक्कतों की ओर कोई कार्यवाही की गयी और न ही संघ के साथ कोई वार्ता हुई।

ओटीएस योजना में आ रही तमाम दिक्कतों के दृष्टिगत संघ के उच्च पदाधिकारियों द्वारा प्रदेश के अभियन्ताओं के साथ ओटीएस योजना की व्यवहारिक दिक्कतों पर विचार-विमर्श किया गया। जिसमें अभियन्ताओं ने आ रहीं कठिनाईयों की ओर संघ का ध्यान आकृष्ट कराया। अभियन्ताओं ने बताया कि प्रबन्धन द्वारा अभियन्ताओं को ओ0टी0एस0 के अव्यवहारिक लक्ष्य दिये गये हैं, कैश काउण्टर्स की भारी कमी है, सी0एस0सी0 वी0एल0ई0 के द्वारा ही कैश जमा करना अनिवार्य किया गया है जबकि एक कैश वॉलेट की लिमिट लगभग 1 लाख ही है। इसके अतिरिक्त बिलिंग एजेन्सियों द्वारा बनाये गये गलत बिलों पर बिलिंग एजेन्सी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। परन्तु उपभोक्ताओं की समस्या का निस्तारण करते हुए अभियन्ताओं द्वारा गलत बिलों को सही किये जाने पर प्रबन्धन द्वारा अभियन्ताओं पर दण्डात्मक कार्यवाही की जा रही है। योजना का लाभ लेने वाले अधिकतर सौभाग्य योजना से आच्छादित उपभोक्ता हैं। जिनकी भुगतान करने की क्षमता सीमित है। अतः 31 मार्च तक योजना के अन्तर्गत पंजीकरण कराने वाले उपभोक्ताओं को माह अप्रैल में भी भुगतान करने हेतु समय दिया जाना चाहिए। 

बैठक में अभियंताओं ने कहाकि ऊर्जा निगम के प्रबन्धन की अदूरदर्शिता एवं कुप्रबन्धन के कारण जनता में सरकार, बिजली विभाग और बिजली अभियन्ताओं की छवि खराब हुई है। वैसे भी कारपोरेशन के वर्तमान प्रबन्धन द्वारा अभियन्ताओं की छवि खराब करने का अभियान चला रखा है। आक्रोशित प्रदेश भर के विद्युत अभियन्ताओं ने बैठक कर विभाग एवं जनहित में वर्तमान प्रबन्धन का उत्तरदायित्व निर्धारित कर कार्यवाही किये जाने की मांग की। ‘संवाद कार्यक्रम’ में अध्यक्ष, महासचिव सहित प्रमुख पदाधिकारियों ने प्रदेश के अभियन्ताओं का मनोबल बढ़ाते हुए कहाकि अभियन्ताओं को अपनी व्यवहारिक दिक्कतों को समय-समय पर उच्चाधिकारियों और संघ के केन्द्रीय नेतृत्व के संज्ञान में लाये। तमाम दिक्कतों के बावजूद पूर्ण समर्पण के साथ योजना का लाभ आम उपभोक्ता को पहुंचाने हेतु हर सम्भव प्रयास करते रहे।

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