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बिजली जूनियर इंजीनियरों ने किया मौन-व्रत सत्याग्रह, आखिर क्यों

लखनऊ। लंबित मांगों का निस्तारण न किए जाने से आक्रोशित बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियरों ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया हैं। प्रबंधन से आरपार की लड़ाई का मन बना चुके इंजीनियरों का कहना है कि ऊर्जा के शीर्ष प्रबन्घन एवं संगठन के मध्य महत्वपूर्ण मांगों को नियमानुसार निस्तारित किये जाने सहित अन्य माँगो पर परीक्षण, अध्ययन कराकर अतिशीघ्र निस्तारित कराये जाने के लिए संगठन को आश्वस्त किया गया था। परन्तु वार्ता में बनी सहमतियों एवं तदनुरूप जारी आदेश के 06 माह बाद भी उसका क्रियान्वयन न किये जाने के कारण संगठन और प्रबन्धन के बीच विश्वास का संकट उत्पन्न हो गया है। जो अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसपर ध्यानाकर्षण की विवशता है।

इसी क्रम में शनिवार को कार्यालय अवधि में राज्य विद्युत परिषद उप्र के केन्द्रीय अध्यक्ष इं. जीवी पटेल, केन्द्रीय महासचिव इं. जय प्रकाश एवं केन्द्रीय संरक्षक इं. सतनाम सिंह के द्वारा शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन तक अपनी बात पहुचाने के लिए शक्ति भवन प्रांगण में मौन-व्रत सत्याग्रह कर विरोध दर्ज कराया गया। जिसके समर्थन में समस्त जनपद, परियोजनाओं के अवर अभियंता, प्रोन्नत अभियंताओं (पारेषण एवं वितरण) के द्वारा संगठन की जनपद परियोजना इकाईयों के नेतृत्व में सायं 4 बजे से 5 बजे तक मुख्य अभियंता, अधीक्षण कार्यालय पर विरोध सभा कर अध्यक्ष उप्र पॉवर कॉर्पोरेशन लि. को संबोधित ज्ञापन प्रेषित किया गया।  

पदाधिकारियों ने बताया कि रविवार को संगठन के केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक लखनऊ में आहूत की गई है। जिसमें पूरे प्रदेश के सभी तापीय परियोजनाओं, जल विद्युत परियोजनाओं, पारेषण एवं वितरण के पदाधिकारी शामिल होंगे। पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि मौन-व्रत सत्याग्रह का ऊर्जा के शीर्ष प्रबन्घन द्वारा संज्ञान न लिया गया तो किसी भी स्तर के आन्दोलन कार्यक्रम का निर्णय लिया जा सकता है। संगठन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा जी से अनुरोध किया कि प्रभावी हस्तक्षेप करके संगठन की जायज मांगों पर शीर्ष ऊर्जा प्रबंधन के साथ बनी सहमतियों पर जारी कार्यवृत्त का क्रियान्वन तत्काल लागू कराए जाने के लिए ऊर्जा प्रबंधन को निर्देशित करने का कष्ट करें। जिससे 24x7 सर्दी, गर्मी, बरसात, दिन-रात कार्य करने वाले संवर्ग का एक एक सदस्य सरकार की योजनाओं को सफल बनाने में पूर्ण मनोयोग से अपना योगदान दे सके।

शक्ति भवन प्रांगण में हुए मौन-व्रत सत्याग्रह विरोध सभा में प्रमुख रूप केंद्रीय संरक्षक इं. एसबी सिंह, केंद्रीय उपाध्यक्ष इं. अजय कुमार, केंद्रीय प्रचार सचिव इं. अरविन्द कुमार झा, केंद्रीय उपमहाचिव पाकालि इं. निरज बिन्द, केंद्रीय संयुक्त सचिव इं. एके शर्मा, केंद्रीय वित्त सचिव इं. चन्द्रशेखर, केंद्रीय उपाध्यक्ष (मु0) इं. पीके सिंह, केंद्रीय उमहासचिव (मु0) इं. अनिल कुमार वर्मा (मु0), केंद्रीय संगठन सचिव इं. जगदीश भारती, पाकालि महासचिव इं. राम इकबाल, उत्पादन निगम शाखा के महासचिव इं. अनिल पाठक, जल निगम के महासचिव इं. रत्नदीप मौर्या, मध्यांचल अध्यक्ष/सचिव इं. संजीव वर्मा, डीके प्रजापति एवं लेसा ट्रांसगोमती, सिस गोमती, शक्ति भवन के अध्यक्ष एवं सचिव, इं. विवेक तिवारी, इं. अजय यादव, इं. दिवाकर यादव, इं. विजेन्दर कुमार, इं. योगेश गुप्ता, इं. दिपक शर्मा सहित संख्या में सदस्य उपस्थित रहे।

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