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नगर आयुक्त की सजकता से खत्म हुई वेटिंग

लखनऊ। कोरोना संक्रमित 51 शवों का दाह संस्कार रविवार को किया गया। इनमें से बैकुण्ठधाम में 33 व गुलाला घाट पर 18 दाह संस्कार किए गए। हालांकि रविवार को घाटों पर जाम जैसी स्थिति देखने को नहीं मिली। दोनों घाटों पर लकड़ी के माध्यम से भी संक्रमित शवों का निस्तारण किये जाने की व्यवस्था करने के चलते दोपहर बाद तक अधिकतर शवों का निस्तारण किया जा चुका था। सुबह एक साथ शव पहुंचने से खींचातानी जरूर रही। हालांकि टोकन व्यवस्था से अधिक समस्या नहीं हुई। 

भैसाकुंड में निरीक्षण करते नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी 

भैसाकुंड व गुलाला घाट पर 70 नये प्लेटफार्म बने

कोरोना संक्रमण मरीजों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल पा रहे हैं। समय पर वेंटीलेंटर न मिलने पर गंभीर मरीज दो से तीन दिन में ही मर रहे हैं। ऐसे में शासन-प्रशासन अस्पतालों में बेड भले ही न बढ़ा पा रहा हो मगर मौतों के बाद संक्रमितों के शवों के दाह संस्कार के लिए श्मसान घाट पर घाट बढ़ाने के साथ ही अन्य सुविधाओं का पूरा प्रबंध किया जा रहा है। हालांकि डीएम अभिषेक प्रकाश ने दावा किया है कि दो हजार आईसीयू की व्यवस्था की गई है। 15 एम्बुलेंस बढ़ायी गयी है मगर बढ़ती मौतों की संख्या पर लोग सवाल करने को मजबूर हैं। लखनऊ में कोविड-19 केसों की बढ़ोत्तरी के साथ मुत्यु दर में भी वृद्धि हो रही है, जिसके चलते शवदाह गृह में बढ़ी संख्या में शव आ रहे थे, जिसके कारण शवों के दाह संस्कार में विलम्ब का सामना करना पड़ रहा था। एक व्यक्ति ने बताया कि उसके भाई की कोरोना से मौत हुई। श्मशान में शाम चार बजे नंबर लगाया था। रात एक बजे अंत्येष्टि हो सकी। 

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नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि शनिवार को 20 प्लेटफार्म का निर्माण कराया गया था, जिसके कारण रविवार की शाम 4 बजे तक सभी शवों का दाह संस्कार पूर्ण करा दिया गया है। भैसाकुण्ड पर ज्यादा भार को देखते हुए 50 अतिरिक्त शवदाह प्लेटफार्म का निर्माण कार्य आरम्भ कर दिया गया है, जो कि सोमवार से आने वाले शवों के शवदाह के लिए तैयार रहेगी। इसी के साथ गुलालाघाट पर भी शवदाह की क्षमता बढ़ाते हुए 20 नये प्लेटफार्म के निर्माण का आदेश जारी किया गया है। 

सौ नये कर्मी तैनात, पहले से तैयार करायी गयीं चिताएं

कोविड-19 शवों के दाह संस्कार के लिए कर्मचारियों की व्यवस्था करने में भी कठिनाई आ रही थी। कर्मचारियों के माध्यम से शव को चिता पर ले जाया जाता है और उसमें आग लगाई जाती है। कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत पूर्व से कार्यरत कर्मचारी इस कार्य को नहीं कर रहें हैं। 100 नये कर्मचारियों को भैंसाकुण्ड पर तैनात किया गया है। 50-50 की दो पालियों में ये कर्मचारी कार्य करेंगे। रात्रि काल में पहले से चिताएं तैयार कर दी जायेंगी ताकि अगले दिन सुबह शवों के दाह संस्कार त्वरित रूप से किया जा सके। इसके अतिरिक्त साफ-सफाई के लिए अतिरिक्त कर्मचारी तैनात कर दिये गये हैं एवं पेयजल के लिए वाटर कूलर उपलब्ध कराया जा रहा है।

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पांच इलेक्ट्रिक मशीनें लगेंगी

नगर आयुक्त ने बताया कि पांच मशीनों को लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बैकुंठ धाम पर ज्यादा भार है। इसी लिए तीन मशीन बैकुंठ धाम में लगाई जाएगी। इसमें एक पुरानी मशनी को हटाकर नई लगाई जाएगी। साथ ही दो नई मशीनों की स्थापित होंगी। यहां पर कुल चार विद्युत शवदाह गृह हो जाएंगे। इसके अलावा गुलाला घाट पर एक मशीन और बढ़ाई जाएगी। एक नया विद्युत शवदाह गृह आलमबाग में स्थापित होगा।

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