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कानपुर मेट्रो: U-गर्डर से लंबा पर वज़न में हल्का है स्टील गर्डर

कानपुर। आईआईटी से मोतीझील के बीच मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण कार्य जारी है। 9 किमी. लंबे इस प्रयॉरिटी सेक्शन में कल रात रावतपुर तिराहे पर दूसरे स्टील गर्डर का इरेक्शन (परिनिर्माण) किया गया। इस स्पैन में पहला स्टील बॉक्स गर्डर 27 मार्च, 2021 को रखा गया था। बता दें कि रावतपुर तिराहे पर होने वाले भारी ट्रैफ़िक को देखते हुए उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (यूपीएमआरसी) के इंजीनियरों ने इस हिस्से में दो पिलर्स के बीच की दूरी को बढ़ा कर 45 मीटर तक किया था। ताक़ी तिराहे पर वाहनों की आवाजाही में कोई बाधा न हो। दो पिलर्स के बीच दूरी अधिक होने की वजह से यहाँ पर U या I गर्डर की जगह स्टील बॉक्स गर्डर रखने की योजना बनाई गई थी, जो कल रात पूरी हुई। आईआईटी से नौबस्ता के बीच बनने वाले कॉरिडोर-1 में दो और जगहों (सीसामऊ नाला और वसंत विहार) में स्टील बॉक्स गर्डर रखे जाएँगे।

इस अवसर पर मेट्रो इंजीनियरों की टीम को बधाई देते हुए यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहा, “रावतपुर तिराहे पर ट्रैफ़िक के भार को देखते हुए यह प्लानिंग की गई थी कि तिराहे के बीचों बीच कोई भी पियर (पिलर) न आए और इस वजह से यहाँ पर दो पिलर्स के बीच की दूरी 45 मीटर तक की गई। यही वजह रही कि इस स्पैन में U या I गर्डर की जगह ख़ासतौर पर तैयार हल्के वज़न वाले दो स्टील बॉक्स गर्डर्स रखे गए। कल रात हमने दूसरे स्टील बॉक्स गर्डर के इरेक्शन के साथ ही, स्टील स्पैन तैयार कर लिया है। यूपीएमआरसी हमेशा इस बात के लिए प्रयासरत रहता है कि कॉरिडोर की प्लानिंग इस तरह से की जाए कि निर्माण के दौरान और बाद में, शहर के यातायात में किसी तरह की बाधा उत्पन्न न हो।”

 

क्यों पड़ी ज़रूरत ‘स्टील बॉक्स गर्डर’ की?

• रावतपुर तिराहे पर यातायात सुगम बनाए रखने के लिए यूपी मेट्रो ने दो पिलर्स के बीच के अंतर को 45 मीटर तक बढ़ाया ताक़ी तिराहे के बीचोंबीच पिलर की वजह से ट्रैफ़िक में बाधा न उत्पन्न हो। इतनी दूरी में U-गर्डर या I-गर्डर रखा जाना संभव नहीं था, जिस वजह से इस स्पैन में ‘स्टील बॉक्स गर्डर’ का इस्तेमाल करने का फ़ैसला लिया गया।

• इन स्टील गर्डर्स की लंबाई, कॉरिडोर में इस्तेमाल रहे U-गर्डर्स से अधिक है, लेकिन इसका वज़न अपेक्षाकृत काफ़ी कम है। बता दें कि कानपुर मेट्रो में इस्तेमाल हुए इन स्टील गर्डर्स की लंबाई 45 मीटर है, जबकि U-गर्डर्स की लंबाई औसत रूप से 27 मीटर है। जहाँ 27 मीटर के U-गर्डर का वज़न लगभग 147 टन है, वहीं इस 45 मीटर के स्टील गर्डर का वज़न लगभग 120 टन है।

• कानपुर में आईआईटी से नौबस्ता के बीच प्रस्तावित लगभग 23 किमी. लंबे कॉरिडोर-1 के अंतर्गत रावतपुर तिराहे के अलावा सीसामऊ नाला और वसंत विहार के नज़दीक स्टील गर्डर रखे जाने हैं। अप-लाइन और डाउन-लाइन के लिए अलग-अलग स्टील गर्डर्स रखे जाते हैं।

• 5 सेगमेंट्स को जोड़कर 45 मीटर का एक स्टील गर्डर तैयार किया जा रहा है।

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