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महिलाओं ने 51 बार हनुमान चालीसा का पाठ कर की कोरोना से मुक्ति की कामना

मनकामेश्वर मठ मंदिर में कोरोना मुक्ति और राष्ट्रकल्याण के लिए हुए अनुष्ठान

पुरुष मंडली ने किया सुंदरकांड का पाठ

लखनऊ। डालीगंज के प्रतिष्ठित मनकामेश्वर मठ-मंदिर में श्रीमहंत देव्यागिरि की अगुआई में वैश्विक प्राणघातक बीमारी कोरोना से मुक्ति और राष्ट्रकल्याण के लिए 51 बार हनुमान चालीसा का पाठ कन्याओं, युवतियों औेर महिलाओं द्वारा किया गया। इसमें कल्याणी गिरि गौरजा गिरि, उपमा पाण्डेय, मंजू यादव, रिया कश्यप, ज्योति कश्यप सहित अन्य ने चालीसा का पाठ किया। इस अवसर पर सभी मास्क लगाकर अनुष्ठानों में शामिल हुए। महंत देव्यागिरि ने परिसर में स्थापित पवनपुत्र हनुमान प्रतिमा का पूजन अर्चन किया। मंगलवार और हनुमान जन्मोत्सव पर मंदिर का फूलों से श्रंगार कर राम भक्त हनुमानजी को नया चोला अर्पित किया गया। इस अवसर पर पुरुष मंडली ने सुंदरकांड का पाठ भी किया। सुंदरकांड का सरस पाठ चित्रांश श्रीवास्तव, सूरज श्रीवास्तव, रचित श्रीवास्तव, अनिल मिश्रा अंकुर पाण्डेय, अमित कन्नौजिया सहित अन्य ने किया।

कोरोना संकट काल में हनुमान बनिये

महंत देव्यागिरि ने कोरोना के संकट काल में हनुमान बनने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हनुमान महाराज भगवान राम की हर आज्ञा का पालन करने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। इस समय भी हनुमान महाराज की तरह कोविड-19 के नियमों का पालन सख्ती से करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि जब हनुमान महाराज प्रभु राम की आज्ञा से समुद्र फांद कर लंका जा रहे थे तब समुद्र मार्ग में राक्षसी सिंहिंका ने उन्हें निगलने के लिए अपना विशाल मुख फैलाया। यह देख कर हनुमानजी अत्यन्त लघु रूप लेकर उसके मुख में गए और उसका अंत कर बाहर सुरक्षित आ गए। उसी तरह कोरोना राक्षस के अंत के लिए मानवों को अपने को लघु रूप में सीमित करते हुए घरों में रहना होगा। उन्होंने कहा कि हनुमानजी की संजीवनी की तरह मौजूदा वैक्सीन है। इसके उपयोग से लक्ष्मणजी की मूर्छा की तरह कोरोना के हमले को भी प्राणघातक नहीं होने दिया जाएगा।

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