Pages

कोरोना काल में देहदान नेत्रदान मुहिम

सफलता की कहानी -24

ऐसे समय में जब समाज कोरोना बीमारी से परेशान है, प्रयागराज पुलिस ने रक्तदान और देहदान का अभियान चलाकर एक अनूठी मिसाल पेश है। रक्तदान के लिए सार्थक प्रयास करने की वजह से देश भर में विख्यात पुलिस मित्र समूह अब नेत्रदान और देहदान की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है। आईजी प्रयागराज केपी सिंह ने खुद इस अभियान के लिए पहल करते हुए लोगों से जुड़ने की अपील की है और उन्हें इसको लेकर जनता का सहयोग भी मिल रहा है। प्रयागराज कार्यालय में तैनात सिपाही आशीष मिश्रा ने पुलिस मित्र समूह बनाकर यह साबित किया कि पुलिसवालों में इंसानियत है और लोगों की सुरक्षा के लिए रात-दिन मेहनत ही नहीं जीवन बचाने के लिए अपना रक्त भी दान कर सकेत हैं। ट्वीटर, वाट्सएप, फेसबुक और वेबसाइट के जरिए देश भर के लोगों के बीच पहुंच चुके पुलिस मित्र समूह के आह्वान पर जरूरतमंद लोगों की जीवन रक्षा के लिए अक्सर सिपाही से लेकर अधिकारी तक रक्तदान करते हैं। कई बार अपना रक्त दे चुके आइजी रेंज केपी सिंह ने अब समाज सेवा की दिशा में एक कदम और बढ़ा दिया है। 

आईजी केपी सिंह ने रविवार शाम अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया कि यूपी पुलिस मित्र समूह अब रक्तदान के साथ नेत्रदान और देहदान की मुहिम शुरू करना चाहता है। उन्होंने इस अभियान के लिए लोगों के सुझाव की अपेक्षा की। उनकी इस पहल को समर्थन मिल रहा है। सुधांशु द्विवेदी ने लिखा कि सर मैं देश का जवान हूं और हर तरीके से अपने शरीर का दान करना चाहता हूं। माही ने रिप्लाई किया कि जब मैं भी 18 साल की हो जाऊंगी तो मैं भी अपने पापा और मां के साथ रक्तदान करूंगी तथा नेत्रदान और देहदान भी करूंगी सर। आप देश के पहले पुलिस अधिकारी हैं जो पुलिस में रहकर इस मुहिम की शुरूआत कर रहे हैं। पुलिस मित्र समूह को स्थापित करने वाले सिपाही आशीष ने लिखा कि अब रक्तदान के साथ नेत्रदान और देहदान भी। एक ट्वीटर यूजर जीतेंद्र सिंह ने रिप्लाई किया कि मैंने तो पत्नी सहित मुत्युपरांत देहदान की शपथ पहले ही ले रखी है। आपकी इस मुहिम में सहयोग के लिए सबसे आगे हूं। रक्तवीर दिदीश ने भी पहल की सराहना की। इसी बीच एक सिपाही की बेटी माही ने ट्वीट किया कि वह जब 18 साल की हो जाएगी तो वह भी नेत्र व देहदान करेगी।

डा. श्रीकांत श्रीवास्तव/सुंदरम चौरसिया

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ