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सीटीसीएस परिवार : स्टूडेंट्स को करा रहें है विशेष इंटर्नशिप SRP कोर्स

लखनऊ। अपनों से दूर वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरनी हो या अंतिम पायदान के जरूरतमंदों तक मदद पहुंचानी हो। इसमें अहम भूमिका निभा रही सीटीसीएस फैमिली न सिर्फ समाजसेवा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रही है बल्कि इसके प्रति लोगों खासकर युवाओं को जागरूक व शिक्षित भी कर रही है। इसी क्रम में सीटीसीएस परिवार के द्वारा एमिटी यूनिवर्सिटी के बी.ए. (ऑनर्स) के बीस छात्र/छात्राओं का एक माह का विशेष इंटर्नशिप SRP कोर्स "सोशल रेस्पोंन्सिबिलिटी प्रोग्राम" के अंतर्गत कराया जा रहा है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इस बार इंटर्नशिप कार्यक्रम वर्चुअली किया जा रहा है, जिससे सभी बच्चे इस महामारी में सुरक्षित रहते हुए अपने-अपने स्थल से सुचारू रूप से भाग ले सकें।

इसका प्रारम्भ 16 मई को गूगल मीट में सभी के परिचय एवं अभिमुखीकरण के साथ किया गया। जिसमें बच्चों ने इंटर्नशिप हेतु सीटीसीएस एनजीओ को ही विशेष रूप से क्यों चुना इस पर अपने विचार व्यक्त किये। इस एक माह की इंटर्नशिप में उन्हें संस्था से क्या आशाएं है इस पर भी वार्तालाप किया गया, जिससे कि बच्चों को इस एक माह में बेहतर से बेहतर अनुभव प्रदान किया जा सके। अंत में संस्था के मुख्य पदाधिकारियों ने पूरे इंटर्नशिप के दौरान जो भी गतिविधियां करायी जानी हैं, इसका स्पष्टीकरण बारी-बारी से देकर सभी बच्चों की समस्याओं का निराकरण भी किया।

इंटर्नशिप के प्रथम सप्ताह में छात्रों को उनके प्रोजेक्ट के टॉपिक उनकी रुचि के अनुसार वितरित किये गए।  प्रोजेक्ट गाईड करने के लिए डॉ. रितु यादव एवं अर्चना पाल को प्रोजेक्ट गाईड के रूप में अहम जिम्मेदारी दी गई है। अन्य सहयोग के लिए संस्था के संस्थापक व अध्यक्ष मनोज कुमार, संरक्षक आलोक अग्रवाल, सोशल मीडिया कॉर्डिनेटर संजय जैन और शम्भू शरण वर्मा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इंटर्नशिप के प्रथम सप्ताह में सभी बच्चों को उनके आवंटित विषय से सम्बंधित 1000 शब्दों में थीम पेपर/लेख लिखने को बोला गया एवं उनके लेख को प्लैगरिज़म तकनीकी के द्वारा चेक करवाया गया। जिससे कि बच्चों में लेखन कौशल का विकास हो सके एवं उनके मौलिक विचारों की ही अभिव्यक्ति हो सके। प्रथम आवंटित कार्य के सबमिशन हेतु गूगल क्लासरूम का निर्माण सीटीसीएस संस्था द्वारा किया गया।

इंटर्नशिप के द्वितीय सप्ताह में उनको दूसरी गतिविधि दी गयी। जिसमें उन्हें प्रोजेक्ट से सम्बंधित एक उपकरण का निर्माण करना था, जिसके लिए लाइव वेबिनार का आयोजन गूगल मीट के माध्यम से कराया गया। इस वेबिनार के लिए एमिटी यूनिवर्सिटी के बच्चों का गूगल फॉर्म के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवाया गया। वेबिनार में विशेष रूप से उपकरण से सम्बंधित जानकारी देने हेतु लखनऊ विश्वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अर्पणा गोडबोले को विशेषज्ञ के तौर पर आमंत्रित किया गया। जिसमें उन्होंने "उपकरण को कैसे बनाया जाना चाहिए एवं किन बातों का ध्यान रखना चाहिए" के साथ ही साथ उनके प्रोजेक्ट के सभी संदेह को दूर किया। वेबिनार के अंतिम पड़ाव पर सभी बच्चों के फीडबैक हेतु गूगल फॉर्म का लिंक प्रोग्राम समन्वयक अर्चना पाल द्वारा दिया गया। सीटीसीएस की मीडिया प्रभारी अंजली पाण्डेय ने बताया कि इस प्रकार छात्रों को साप्ताहिक रूप से भिन्न-भिन्न सामाजिक गतिविधियों को करने की जानकारियां समय-समय पर व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही हैं। आगामी दिनों में भी बच्चों को ऑनलाइन गतिविधियों के आयोजन का कार्यभार सौंपा जाएगा, जिसमें वो सीटीसीएस संस्था के कार्यों एवं गतिविधियों से भली भाँति परिचित होंगे।

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