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कानपुर मेट्रो : पर्यावरण और संरक्षा प्रबंधन के लिए मिले आईएसओ प्रमाणपत्र

कानपुर। आईआईटी से मोतीझील के बीच बन रहे कानपुर मेट्रो के प्रयॉरिटी कॉरिडोर को आईएसओ प्रमाणपत्र मिल गए हैं। 9 किमी. लंबे इस प्रयॉरिटी कॉरिडोर को पर्यावरण प्रबंधन के लिए ISO 14001 और संरक्षा प्रबंधन के लिए ISO 45001 प्रमाणपत्र मिले हैं। यूकेएएस, यूनाइटेड किंगडम के साथ संबद्ध यूनिटाइटेड रजिस्ट्रार ऑफ़ सिस्टम्स, नोएडा के ऑडिटर्स की टीम ने अप्रैल, 2021 में कानपुर मेट्रो रेल परियोजना का विस्तृत ऑडिट किया, जिसके बाद ये आईएसओ प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। 

यूनाइटेड रजिस्ट्रार ऑफ़ सिस्टम्स ने यह प्रमाणित किया है कि उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (यूपीएमआरसी) द्वारा प्रारंभ से ही कानपुर मेट्रो परियोजना के क्रियान्वयन के दौरान, इस प्रमाणन हेतु आवश्यक अंतरराष्ट्रीय मानकों का अनुपालन किया गया। यूपीएमआरसी ने अभी से कानपुर मेट्रो के कॉरिडोर-1 (आईआईटी से नौबस्ता) के लिए आईएसओ प्रमाणपत्र प्राप्त करने की तैयारियाँ भी शुरू कर दी हैं।

कैसे मिलता है आईएसओ (ISO) सर्टिफ़िकेट: 

आईएसओ प्रमाणन की इस प्रक्रिया के अंतर्गत यूनाइटेड रजिस्ट्रार ऑफ़ सिस्टम के ऑडिटर्स इस बात की पुष्टि करते हैं कि परियोजना के क्रियान्वयन के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण और संरक्षा के प्रबंधन के लिए जो सिस्टम या प्रणाली निर्धारित की गई है, उसका विधिवत अनुपालन हो रहा है। समय-समय पर सिस्टम की समीक्षा की जा रही हो और अगर कोई ख़ामी संज्ञान में आती है तो उसको दूर किया जा रहा हो। इस बात की पुष्टि के बाद ही आईएसओ प्रमाणपत्र प्रदान किए जाते हैं और कानपुर मेट्रो परियोजना, प्रमाणन की इस प्रक्रिया में सफल रही है।

परियोजना के क्रियान्वयन के दौरान यूपीएमआरसी हमेशा से ही यह सुनिश्चित करता है कि अंतरराष्ट्रीय मानकों का ठीक ढंग से पालन किया जाए। लखनऊ मेट्रो परियोजना की बात करें, तो मार्च, 2019 में 23 किमी. लंबे संपूर्ण उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर पर यात्री सेवाएँ शुरू करने से पहले, यूपीएमआरसी ने 2018 में ही इस पूरे कॉरिडोर के लिए आईएसओ 14001 और आईएसओ 45001 सर्टिफ़िकेट्स प्राप्त कर लिए थे।

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