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बिजली अभियंताओं ने तेज किया आंदोलन, दी ये चेतावनी

लखनऊ। उप्रराविप अभियन्ता संघ द्वारा विद्युतकर्मियों की ज्वलन्त समस्याओं को प्रबन्धन व सरकार के समक्ष प्रमुखता से उठाने से नाराज़ पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज और संघ के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। उप्रराविप अभियन्ता संघ के आह्वान पर 25 मई से बिजली अभियन्ताओं ने चेयरमैन के साथ प्रारम्भ किये असहयोग कार्यक्रम को तेज़ करते हुए प्रबंध निदेशकों (कारपोरेशन/डिस्कोम/उत्पादन/पारेषण/जल विद्युत) के व्हाट्सएप्प ग्रुपों से एग्जिट होने का भी सिलसिला प्रारम्भ कर दिया। परंतु कोविड-19 महामारी के संक्रमण को देखते हुए आम लोगों को सुचारू बिजली आपूर्ति देने के साथ-साथ अस्पतालों व आक्सीजन प्लांटों की बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु  क्षेत्र के मुख्य अभियंता बिजली व्यवस्था संभालेंगे और उनका पूरा सहयोग सभी अभियन्ता करेंगे। ताकि किसी भी प्रकार से बिजली व्यवस्था बाधित न होने पाए और आमजन एवं मरीजों को कोई दिक्कत न हो। 

विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह ने बताया कि संघ के आह्वान पर असहयोग कार्यक्रम के तहत प्रदेश भर के 150 से अधिक बिजली अभियन्ताओं ने चेयरमैन के व्हाट्सअप ग्रुप से एक्जिट हो गये हैं जिससे उनके व्हाट्सअप ग्रुप निष्प्रभावी हो गये है। आंदोलन को और तेज़ करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि पाकालि, पारेषण, उत्पादन, जल विद्युत के प्रबंध निदेशको के भी व्हाट्सएप ग्रुप से एग्जिट होंने का आह्वाहन किया गया है। यह भी निर्णय लिया गया है कि चेयरमैन, प्रबन्ध निदेशक, निदेशकों द्वारा की जाने वाली वीडियो कान्फ्रेंसिंग का भी बिजली अभियन्ता बहिष्कार किया जायेगा।

उन्होंने कहाकि संघ के पदाधिकारियों के विरूद्ध की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों से पूरे प्रदेश के विद्युत अभियन्ता आक्रोषित हैं। संघ के पदाधिकारियों द्वारा विद्युत अभियन्ताओं एवं कर्मचारियों की समस्याओं को प्रबन्धन के समक्ष उठाने पर उनका नाराज होना समक्ष से परे है। चेयरमैन की मनमानी का सबसे ताज़ा उदाहरण  उप्र शासन के 33 प्रतिशत उपस्थिति के शासनादेशों के विपरीत उनके द्वारा लगातार सभी कैश-काउण्टरों एवं कार्यालयों में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित होने की समीक्षा की जा रही है जो प्राणघातक कोरोना संक्रमण बढ़ाने में सहायक होगा। उन्होंने कहाकि बिजली अभियन्ताओं के असहयोग कार्यक्रम के दौरान यदि किसी पदाधिकारी अथवा अन्य किसी अभियन्ता का किसी भी प्रकार का उत्पीड़न किया गया तो सभी ऊर्जा निगमों के तमाम विद्युत अभियन्ता उसी क्षण सीधी कार्यवाही करने को बाध्य होंगे जिसका सारा उत्तरदायित्व पावर कॉर्पोरशन के चेयरमैन का होगा। विद्युत अभियन्ताओं ने ऊर्जा मंत्री से ऊर्जा निगमों में अनावश्यक टकराव एवं औद्योगिक अशान्ति टालने एवं कार्य का स्वस्थ वातावरण बनाये रखने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की।

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