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चेयरमैन के उत्पीड़न के विरोध में लामबंद हुए बिजली अभियन्ता

ऊर्जा निगमों में टकराव एवं औद्योगिक अशान्ति उत्पन्न कर रहे हैं चेयरमैन : अभियंता संघ

व्हाट्सएप ग्रुप से 150 से अधिक वरिष्ठ अभियन्ता हुए एक्जिट

प्रबन्धन की सभी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग का किया जायेगा बहिष्कार

आम लोगों को सुचारू बिजली आपूर्ति देने के साथ-साथ अस्पतालों एवं आक्सीजन प्लांटों की बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने पर रहेगी विशेष सतर्कता

यूपी इंजीनियर्स एसोसियेशन सहित ऊर्जा निगमों के कई संगठनों ने दिया समर्थन

लख़नऊ। पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज और बिजली इंजीनियरों के बीच टकराव बढ़ गया है। उप्रराविप अभियन्ता संघ के महासचिव प्रभात सिंह के तबादले को उत्पीड़न करार देते हुए बिजली इंजीनियरों ने आरपार की लड़ाई का बिगुल फूंक दिया है। संघ ने आरोप लगाया है कि विद्युतकर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में प्राथमिकता पर वैक्सीन लगवाये जाने एवं उनकी अन्य ज्वलन्त समस्याओं को प्रबन्धन के समक्ष प्रमुखता से उठाने से खिन्न पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन द्वारा संघ के पदाधिकारियों के विरूद्ध उत्पीड़नात्मक कार्यवाही की जा रही है। जिसके विरोध में उप्रराविप अभियन्ता संघ के आह्वान पर मंगलवार से सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली अभियन्ताओं ने कारपोरेशन के चेयरमैन के साथ असहयोग शुरू कर दिया है।

संघ का दावा है कि असहयोग के चलते घबराये प्रबन्धन को एशियन डेवलपमेंट बैंक के साथ होने वाली बैठक रद्द करनी पड़ी। संघ के आह्वान पर असहयोग कार्यक्रम के चलते 150 से अधिक वरिष्ठ अभियंता चेयरमैन के व्हाट्सएप ग्रुप से एक्जिट कर गये हैं। जिससे अब चेयरमैन का व्हाट्सएप ग्रुप निष्प्रयोज्य हो गया है। व्हाट्सएप ग्रुप से एक्जिट होने का सिलसिला जारी रहेगा एवं प्रबन्धन की होने वाली सभी वीडियो कॉफ्रेंसिंग का बहिष्कार किया जायेगा। संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह ने बताया कि कोविड-19 महामारी के संक्रमण को देखते हुए बिजली अभियन्ता आम लोगों को सुचारू बिजली आपूर्ति देने के साथ-साथ अस्पतालों व आक्सीजन प्लांटों की बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु विशेष सतर्कता बरतेगें जिससे आमजन एवं मरीजों को कोई दिक्कत न हो। 

उन्होंने ने बताया कि संघ के आह्वान पर असहयोग कार्यक्रम के तहत प्रदेश भर के 150 से अधिक बिजली अभियन्ताओं ने चेयरमैन के व्हाट्सएप ग्रुप से एक्जिट हो गये हैं जिससे उनके व्हाट्सएप ग्रुप निष्प्रभावी हो गये है। अभियन्ता संघ ने यह भी निर्णय लिया है कि चेयरमैन, प्रबन्ध निदेशक, निदेशकों द्वारा की जाने वाली वीडियो कान्फ्रेंसिंग का भी बिजली अभियन्ता बहिष्कार किया जायेगा जो उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के पूरी तरह वापस/समाप्त होने तक जारी रहेगा। 

उन्होंने कहाकि संघ के पदाधिकारियों के विरूद्ध की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों से पूरे प्रदेश के विद्युत अभियन्ता आक्रोशित हैं। संघ के पदाधिकारियों द्वारा विद्युत अभियन्ताओं एवं कर्मचारियों की समस्याओं को प्रबन्धन के समक्ष उठाने पर उनका नाराज होना समक्ष से परे है। चेयरमैन द्वारा उ0प्र0 शासन के 33 प्रतिशत उपस्थिति के शासनादेशों के विपरीत लगातार सभी कैश-काउण्टरों एवं कार्यालयों में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित कर रहे है जो इस कोरोना काल में कतई उचित नहीं है। 

उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी विभागों के अभियन्ताओं के शीर्ष संगठन यूपी इंजीनियर्स एसोशियेशन ने अभियन्ता संघ के आन्दोलन का समर्थन किया है। साथ ही ऊर्जा निगमों के अन्य संगठनों - राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ, उप्र, विद्युत कार्यालय सहायक संघ, उप्र बिजली कर्मचारी संघ, विद्युत परिषद आशुलेखक संघ, उप्र विद्युत मजदूर संघ, विद्युत कार्यालय कार्मिक संघ ने भी अभियन्ता संघ के आन्दोलन का समर्थन देने की घोषणा की है।

उन्होंने कहा कि बिजली अभियन्ताओं के असहयोग कार्यक्रम के दौरान यदि किसी पदाधिकारी अथवा अन्य किसी अभियन्ता का किसी भी प्रकार का उत्पीड़न किया गया तो सभी ऊर्जा निगमों के तमाम विद्युत अभियन्ता उसी क्षण सीधी कार्यवाही करने को बाध्य होंगे जिसका सारा उत्तरदायित्व प्रबन्धन का होगा। विद्युत अभियन्ताओं ने ऊर्जा मंत्री से अपील की है कि ऊर्जा निगमों में अनावश्यक टकराव एवं औद्योगिक अशान्ति टालने एवं कार्य का स्वस्थ वातावरण बनाये रखने हेतु संघ के पदाधिकारियों के विरूद्ध की जा रही समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां तत्काल निरस्त एवं बन्द करने हेतु हस्तक्षेप करने की कृपा करें।

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