Pages

सृजन चित्रकला प्रतियोगिता में दिखे तम्बाकू के खतरे

- बच्चों ने “स्वैग से मौत” के प्रति आगाह किया गया

- बच्चों ने की मांग विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर बंद रखी जाएं देश में तम्बाकू की दुकानें

- शैक्षिणिक संस्थानों के पास सख्ती से लगे नशाखोरी पर प्रतिबंध

लखनऊ। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर सामाजिक संस्था सृजन फाउंडेशन ने ऑनलाइन बाल चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की। सोमवार 31 मई को हुई इस वृहद प्रतियोगिता का मकसद था विश्व तम्बाकू निषेघ दिवस पर कम से कम एक दिन तो तम्बाकू की सभी दुकानें देश भर में बंद रखी जाएं। इस प्रतियोगिता के प्रतिभागियों ने अपने विचार भी प्रकट किये। इशिका श्रीवास्तव ने बताया कि विश्व स्वस्थ्य संगठन के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन-डब्ल्यूएचओ ने साल 1987 से विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जा रहा है। श्रेया बिंदल ने बताया कि पैसिव स्मोकिंग या परोक्ष धूम्रपान को 'सैकंड हैंड स्मोकिंग' कहा जाने लगा है। ऐसे में धूम्रपान से व्यक्ति का परिवार तक प्रभावित होता है। 

स्वरा त्रिपाठी ने बताया कि अमूमन युवा इसे स्वैग के रूप में शुरू करते हैं फिर इसकी गिरफ्त में फंस कर पूरा जीवन बर्बाद कर देते हैं। हुक्का बार समाज की उसी मानसिकता को दर्शाता है। श्रिया वर्मा ने कहा कि पान मसाला के पाउच ने पान की तुलना में तम्बाकू के जहर को सहज उपलब्ध किया है। स्वेच्छा श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाओं में भी यह तेजी से लोकप्रिय हुआ है। इससे उन्हें भविष्य में परिवार सम्बंधी गंभीर संकटों को झेलना पड़ रहा है। यतिन बाठला ने कहा कि तम्बाकू ही नहीं ई-सिगरेट भी नुकसानदायक है। मनस्वी मिश्रा के अनुसार इस समय 14 लाख के लगभग कैंसर के मरीज है। जल्द ही इस दिशा में केवल चेतावनी अभियान से हट कर धरातल पर कार्य नहीं किया गया तो साल 2025 तक भारत में कैंसर के मरीज़ों की संख्या 15.69 लाख के पार हो जाएगी।

रविन ने कहा कि बताया कि तम्बाकू का सेवन करने वालों को कोरोना संक्रमण होने की संभावनाएं अधिक होती हैं। वत्सिन शुक्ला, जन्नत अशरफ़, मन्नत अशरफ़ ने भी तंबाकू के सेवन से होने वाले खतरों के प्रति आगाह किया। सृजन फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. अमित सक्सेना ने केन्द्र और राज्य सरकार से मांग है कि स्कूलों के पास सख्ती से नशाखोरी प्रतिबंधित की जाए। उन्होंने बताया कि सृजन के विभिन्न अभियानों से जुड़ने के लिए वॉट्सऐप नम्बर 8887934036 पर संपर्क किया जा सकता है। इसके साथ ही सृजन फाउण्डेशन के फेसबुक लिंक पर भी जानकारियां अपलोड की जाती है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ