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9 जून से सुरक्षित यात्रा कराने के लिए लखनऊ मेट्रो तैयार

लखनऊ मेट्रो की सेवाएं कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ 9 जून से फिर होंगी शुरु

सुरक्षित सफर के लिए मेट्रो ट्रेन-स्टेशनों में सैनिटाइजेशन और कॉन्टैक्टलेस यात्रा के खास इंतज़ाम

लखनऊ। कोरोना कर्फ्यू से राहत मिलने के बाद अब आप फिर से मेट्रो की यात्रा का आनंद ले सकेंगे। करीब डेढ़ माह बाद लखनऊ मेट्रो सुरक्षित यात्रा कराने के लिए तैयार है। लखनऊ मेट्रो रेल सेवाएं, सुरक्षित यात्रा हेतु अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ दिनांक 9 जून से पुनः आरंभ होने जा रही है। मेट्रो सेवा प्रातः 7 बजे से आरंभ होगी। आखिरी मेट्रो ट्रेन शाम 7 बजे सीसीएस एयरपोर्ट और मुंशीपुलिया टर्मिनल स्टेशनों से रवाना होगी। कोविड-19 की दूसरी लहर के मद्देनज़र लखनऊ मेट्रो रेल सेवा लगभग डेढ़ महीने से स्थगित थी। 


अनलॉक-2 के दौरान सुरक्षित और सुविधाजनक यात्री सेवा अनुभव के लिए लखनऊ मेट्रो ने एक बार फिर कई कदम उठाए हैं। यह बताना जरूरी होगा कि कोविड-19 की पहली लहर के दौर से ही लखनऊ मेट्रो ने शहरवासियों की यात्रा को सबसे सुरक्षित बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। इन्हीं प्रयासों का नतीज़ा था कि लखनऊ मेट्रो ने पुनः आरंभ होने के बाद अपनी राइडरशिप मे देश की अन्य मेट्रो सेवाओं की तुलना में सबसे तेज प्रगति की। 
इस बार फिर लखनऊ मेट्रो कॉन्टैक्ट-लेस ट्रैवल, सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेन्सिंग और स्वच्छता पर विशेष जोर देते हुए यात्रियों को सुरक्षित यात्रा मुहैया कराने के लिए फिर से तैयार है। 


• यात्रियों के लिए मास्क पहनना जरुरी है। स्टेशन में प्रवेश से पहले थर्मल स्कैनिंग और हाथों को सैनिटाइज करने के प्रबंध किए गए हैं। कस्टमय केयर पर भी सैनिटाइजर की सुविधा है।

• सैनिटाइजेशन के लिए यू.वी. किरणों का प्रयोग करने वाली देश की पहली मेट्रो है लखनऊ मेट्रो, जहां पर यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मेट्रो कोच व टोकन के सैनिटाइजेशन के लिए अल्ट्रावॉयलेट किरणों का इस्तेमाल होता है।

• सभी मेट्रो स्टेशनों पर शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए मार्किंग की गई है, ताकि मेट्रो परिसर के अंदर यात्रियों के बीच उपयुक्त दूरी सुनिश्चित की जा सके। टिकट काउंटर्स (टीओएम), टिकट वेंडिंग मशीन (टीवीएम), सुरक्षा जांच पॉइंट, प्रवेश-निकास हेतु एएफसी गेट आदि सभी जगहों पर, जहां यात्रियों को लाइन लगानी पड़ती है वहां पर फिजिकल-डिस्टेन्सिंग के लिए मार्किंग मौजूद है।

• मेट्रो ट्रेन के अंदर सीटों पर भी फिजिकल-डिस्टेन्सिंग के लिए मार्किंग की गई है ताकि यात्री एक सीट छोड़कर बैठें।

• सामान्य तौर पर यात्रियों के संपर्क में आने वाले सभी स्थानों जैसे कि ग्रैबरेल्स, ग्रैबपोल्स, ग्रैबहैंडल्स, यात्री सीट और दरवाजों को नियमित तौर पर सैनिटाइज किया जाता है।

• स्टेशन के अंदर सभी कॉन्टैक्ट-पॉइंट्स जैसे कि प्रवेश-निकास गेट, बैगेज स्कैनर्स, टिकट वेंडिंग मशीन, एएफसी गेट, एस्कलेटर की हैंडरेल्स, सीढ़ियों की रेलिंग, लिफ्ट के बटन, प्लैटफॉर्म पर लगी सीटों आदि को भी नियमित रुप से सैनिटाइज किया जाता है।




• गो-स्मार्ट कार्ड के साथ करें पूर्णतयः कॉन्टैक्ट-लेस यात्रा: गो-स्मार्ट धारकों को मेट्रो स्टेशन में प्रवेश से लेकर ट्रेन से यात्रा करने और मेट्रो परिसर से बाहर निकलने तक पूर्णतयः कॉन्टैक्ट-लेस यात्रा की सहूलियत मिलती है। इसे ऑनलाइन रिचार्ज कराने की भी सुविधा है। ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन (एएफसी) गेट पर प्रवेश के दौरान गो-स्मार्ट कार्ड को मशीन पर टैप करने की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि मशीन के ऊपर बने वाई-फाई के चिह्न के पास ले जाने भर से ही यात्रा की जानकारी सत्यापित हो जाती है और वह प्रवेश कर सकता है। इस तरह गो-स्मार्ट कार्ड के साथ यात्रा करने वाले यात्री मेट्रो से यात्रा के दौरान सिर्फ सैनिटाइज्ड मेट्रो सीट के साथ संपर्क में आते हैं। 

• गो-स्मार्ट कार्ड धारकों को हर यात्रा पर किराए में 10 प्रतिशत की छूट मिलती है। लखनऊ मेट्रो के गो-स्मार्टकार्ड के साथ कैशलेस यात्री टोकन खरीदने की सुविधा भी मिलती है। ऐसी सुविधा देने वाली भी लखनऊ मेट्रो देश की पहली मेट्रो है।

यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा यूपीएमआरसी के लिए सर्वोपरि है इसीलिए कोरोना संबंधी सभी नियमों का सख्ती से पालन करते हुए मेट्रो से यात्रा को सुरक्षित, सुलभ और आरामदायक बनाने के लिए यूपीएमआरसी ने उपरोक्त जरूरी कदम उठाए हैं। सार्वजनिक परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में लखनऊ मेट्रो सबसे सुरक्षित, आरामदायक, किफायती और भरोसेमंद यातायात का साधन है।

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