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केवल महिला ही नहीं पुरुषों के लिए भी एक समस्या है उत्पीड़न - कुलपति

लख़नऊ। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में ब्रेक थ्रू संस्था के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को कुलपति प्रो. अनिल कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में 'Standup Against Street Harassment'  विषयक ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में ब्रेक थ्रू के प्रशिक्षक शुभम सिंह ने विद्यार्थियों को उत्पीड़न की परिस्थिति में प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देंने और हस्तक्षेप करने का प्रशिक्षण दिया।

कार्यशाला के माध्यम से शुभम सिंह ने विद्यार्थियों को बताया कि  उत्पीड़न क्या है और दर्शकों का हस्तक्षेप कैसे उत्पीड़न करता का ध्यान भटकने में मदद कर सकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस परिस्थिति में पांच तरह से हस्तक्षेप किया जा सकता है जिसे उन्होंने पांच डी में विभाजित किया -डिस्ट्रैक्ट, डेलीगेट, डॉक्यूमेंट, डिलेय एवं डायरेक्ट। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने विडियो की मदद से बताया कि स्वयं की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए हम किस प्रकार उत्पीड़न की स्थिति में ध्यान भटकाने, ज़िम्मेदारी बांटने, रिकॉर्ड करने,  हिम्मत बंधाने एवं सीधे तौर पर उत्पीड़न रोकने में योगदान दे सकते हैं। 

अपने अध्यक्षीय भाषण में कुलपति प्रो. शुक्ला ने कहा कि उत्पीड़न केवल महिलाओं के लिए ही नहीं पुरुषों के लिए भी एक समस्या है। उन्होंने कहा कि उत्पीड़न की घटनाएं घर, बाज़ार, सड़क एवं दफ्तर कहीं भी हो सकती हैं और इसका सामना करने के लिए हमें अपने आत्मबल को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज के समय में हमें आत्मरक्षा करने एवं दूसरों की रक्षा करने के लिए स्वयं को तैयार रखना चाहिए। 

प्रशिक्षण के दौरान कई विद्यार्थियों ने अपने साथ हुए उत्पीड़न के मुद्दों पर चर्चा की। कार्यक्रम में डॉ. पूनम चौधरी एवं डॉ. शान ए फातिमा ने भी इस संदर्भ में अपने विचार रखें। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन डॉ. तनु डंग (विश्वविद्यालय काउंसलर एवं सहायक आचार्य, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग) द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रुचिता सुजॉय चौधरी (विषय प्रभारी, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग) ने दिया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।

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