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बाल निकुंज : आईएएस, आईपीएस, जज, चिकित्सक व इंजीनियर बनना चाहते हैं मेधावी

लखनऊ। कोई आईएएस, आईपीएस, न्यायाधीश बनकर देश की सेवा करना चाहता है तो कोई चिकित्सक व इंजीनियर बनकर देश की तरक्की में अपना योगदान देना चाहता हैं। काफी इंतजार के बाद यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का परीक्षाफल जारी होते ही बाल निकुंज स्कूल्स एंड कॉलेजेज के मेधावी खुशी से उछल पड़े और अपने लक्ष्य को "वॉयस ऑफ कैपिटल" से साझा किया। 

विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी बाल निकुंज स्कूल्स एंड कॉलेजेज का दबदबा रहा और बेटियों ने बाजी मारी। मेधावियों ने सफलता का श्रेय टीचर्स व पैरेंट्स को दिया। मेधावियों ने बिना परीक्षा मूल्यांकन के आधार पर मिले अंक पर संतुष्टि जाहिर की। हालांकि मेधावियों का कहना था कि उन्होंने परीक्षा की पूरी तैयारी की थी, यदि परीक्षा होती तो इससे भी बेहतर परिणाम आते। 

विद्यालय के एमडी एचएन जायसवाल ने सभी मेधावियों को माला पहनाकर व मिठाई खिलाकर बधाई देते हुए इसे टीचर्स व स्टूडेंट्स की कड़ी मेहनत और पैरेंट्स के सहयोग का परिणाम बताया। उन्होंने कहाकि कोरोनाकाल में चल रही ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों व टीचर्स के साथ ही अभिभावकों का भी सहयोग सराहनीय है। गौरतलब हैं कि वर्ष-2020 में भी बाल निकुंज के कई मेधावियों ने यूपी व लख़नऊ की मेरिट लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवाया था। वहीं 10वीं में अलीशा अंसारी ने लख़नऊ में टॉप करने के साथ ही यूपी में 9वां स्थान हासिल कर विद्यालय व अपने परिवार का मान बढ़ाया था।

आईएएस, आईपीएस, चिकित्सक व इंजीनियर बनना चाहते हैं मेधावी
सृष्टि सिंह
10वीं में 95.5 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज इंटर कॉलेज मोहिबुल्लापुर गर्ल्स शाखा की छात्रा सृष्टि सिंह की तमन्ना बैंकिंग सेवा में जाने की है। सृष्टि के पिता राम शंकर सिंह ड्राइवर हैं और माँ पिंकी सिंह गृहणी हैं।

रिया सिंह
10वीं में 95.5 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज इंटर कॉलेज मोहिबुल्लापुर गर्ल्स विंग की छात्रा रिया सिंह कंप्यूटर इंजीनियर बनना चाहती हैं। रिया के पिता रावेन्द्र सिंह नौकरी करते है और मां मंजू सिंह गृहणी हैं।




10वीं में 95.5 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज इंटर कॉलेज मोहिबुल्लापुर गर्ल्स विंग की छात्रा रोशनी शुक्ला आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करनी चाहती हैं। रोशनी के पिता महेंद्र कुमार शुक्ला बिजनेस मैन है और मां रीना शुक्ला गृहणी हैं।

10वीं में 95.5 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज इंटर कॉलेज मोहिबुल्लापुर गर्ल्स विंग की छात्रा दिव्यांशी यादव अपने पिता की तरह इंजीनियर बनना चाहती हैं। दिव्यांशी के पिता धनपत यादव इंजीनियर है और मां किरण यादव गृहणी हैं।

दिव्यांशी मिश्रा
10वीं में 95.5 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज इंटर कॉलेज मोहिबुल्लापुर गर्ल्स विंग की छात्रा दिव्यांशी मिश्रा की तमन्ना चिकित्सक बनकर उन गरीब मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराना है  जो आर्थिक अभाव के कारण इससे वंचित रह जाते हैं। दिव्यांशी के पिता अशोक मिश्रा प्राइवेट नौकरी करते हैं और मां सीमा मिश्रा गृहणी हैं।

अंशिका मौर्या
10वीं में 95.5 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज इंटर कॉलेज मोहिबुल्लापुर गर्ल्स विंग की छात्रा अंशिका मौर्या की तमन्ना पुलिस सेवा में जाने की हैं। अंशिका के पिता सुरेश कुमार मौर्या प्राइवेट नौकरी करते हैं और मां शारदा गृहणी हैं।

10वीं में 95.3 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज इंटर कॉलेज मोहिबुल्लापुर गर्ल्स शाखा की छात्रा अंकिता मिश्रा न्यायाधीश बनकर उन लोगों को न्याय दिलाना चाहती है जिनको आर्थिक अभाव या किसी अन्य कारणों से न्याय नहीं मिल पाता है। जिसके चलते बेकसूर होते हुए भी उन्हें सजा भुगतनी पड़ती है। अंकिता के पिता राममोहन मिश्रा शिक्षक हैं और माँ रागिनी देवी गृहणी हैं।

पलक सिंह
10वीं में 95 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज इंटर कॉलेज मोहिबुल्लापुर गर्ल्स शाखा की छात्रा पलक सिंह इंजीनियर बनकर देश की तरक्की में अपना योगदान देना चाहती है। पलक के पिता संजय सिंह किसान हैं और माँ मुन्नी देवी गृहणी हैं।

10वीं में 94.8 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले बाल निकुंज इंटर कॉलेज मोहिबुल्लापुर ब्वॉयज विंग के छात्र अंशिक पटेल की तमन्ना आईपीएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं। अंशिक के पिता पुत्तीलाल सरकारी नौकरी में हैं और मां निर्मला देवी गृहणी हैं।

प्रियांशी सिंह 94.5%
10वीं में 94.5 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज इंटर कॉलेज मोहिबुल्लापुर गर्ल्स विंग की छात्रा प्रियांशी सिंह की तमन्ना कंप्यूटर साइंस इंजीनियर बनने की हैं। प्रियांशी के पिता राजकुमार सिंह प्राइवेट नौकरी करते हैं और मां मंजू सिंह गृहणी हैं।

10वीं में 92.66 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज इंग्लिश स्कूल पल्टन छावनी शाखा की छात्रा प्रियांशी सिंह आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं। प्रियांशी के पिता डा. उमेश सिंह चिकित्सक हैं और मां सुषमा सिंह गृहणी हैं।

10वीं में 92.6 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले बाल निकुंज इंग्लिश स्कूल पल्टन छावनी शाखा के छात्र सोनू यादव की भी तमन्ना प्रशासनिक सेवा (आईएएस अधिकारी) में जाने की हैं। अंशिका के पिता महेंद्र यादव किसान हैं और मां कलावती देवी गृहणी हैं।

10वीं में 90 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज गर्ल्स एकेडमी बेलीगारद की छात्रा अर्चना मिश्रा कहती हैं कि एकाग्रचित होकर अच्छी पढ़ाई करती रही। बोर्ड परीक्षा हुयी होती तो और अच्छे अंक की उम्मीद थी। आत्मविश्वास के साथ लक्ष्य निर्धारित कर नोट्स बनाकर नियमित रूप से प्रतिदिन लगभग 4-5 घंटे अध्ययन कर अच्छी सफलता अर्जित की जा सकती है। अर्चना के माता-पिता रमा मिश्रा, नन्हकऊ मिश्रा हैं।

10वीं में 88.5 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज गर्ल्स एकेडमी बेलीगारद की छात्रा प्रस्मिता दुबे कहती हैं कि वह रिजल्ट से संतुष्ट हैं। लेकिन बोर्ड परीक्षा होती तो तैयारी के अनुसार कम से कम 95 प्रतिशत अंक आने की पूरी उम्मीद थी। प्रस्मिता के माता-पिता स्व. मंजू दुबे, दीपक कुमार दुबे (इंजीनियर) है।
10वीं में 88.3 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज गर्ल्स एकेडमी बेलीगारद की छात्रा जूही सिंह की तमन्ना चार्टेड एकाउण्टेंट (सीए) बनने की है। जूही के माता-पिता अनीता सिंह व विपिन सिंह हैं। जूही कहती हैं कि परिवार में पिता का सर्वाधिक सहयोग मिला है। रिजल्ट से वह संतुष्ट हूँ। किन्तु रात-दिन एकाग्रचित होकर अच्छी पढ़ाई की थी। यदि बोर्ड परीक्षा हुयी होती तो और अच्छे परिणाम की उम्मीद थी। 

12वीं में 89.4 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज इंटर कॉलेज मोहिबुल्लापुर गर्ल्स विंग की छात्रा दीपाली सिंह की तमन्ना इंजीनियर बनने की हैं। दीपाली के पिता देवेंद्र सिंह बिजनेस मैन हैं और मां सुनीता सिंह गृहणी हैं।

12वीं में 89.4 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज इंटर कॉलेज मोहिबुल्लापुर गर्ल्स विंग की छात्रा तृप्ति अवस्थी की तमन्ना भी इंजीनियर बनने की हैं।

12वीं में 89.4 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले बाल निकुंज इंटर कॉलेज मोहिबुल्लापुर ब्वॉयज विंग के छात्र प्रशांत श्रीवास्तव की तमन्ना आईएएस अधिकारी बनकर देश सेवा करने की हैं। प्रशांत के पिता दीपचंद्र श्रीवास्तव व्यापारी हैं और मां अमिता श्रीवास्तव गृहणी हैं।

अनुष्का बाजपेई
12वीं में 87.4 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज इंटर कॉलेज मोहिबुल्लापुर गर्ल्स विंग की छात्रा अनुष्का बाजपेई की तमन्ना चिकित्सक बनकर उन गरीब मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराना है  जो आर्थिक अभाव के कारण इससे वंचित रह जाते हैं। अनुष्का के पिता संजय बाजपेई प्राइवेट नौकरी करते हैं और मां बबिता बाजपेई गृहणी हैं।

सैय्यद लका रहमानी
12वीं में 87 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज इंटर कॉलेज मोहिबुल्लापुर गर्ल्स विंग की छात्रा सैय्यद लका रहमानी की तमन्ना आईएएस अधिकारी बनकर देश सेवा करने की हैं। सैय्यद लका रहमानी की मां सरवरी बेगम शिक्षिका हैं। सैय्यद लका रहमानी ने बताया कि मां के साथ ही उसके मामा सैय्यद इरफान हैदर जाफरी ने उसका पालन पोषण किया है। उसकी पढ़ाई का पूरा खर्च भी मामा उठा रहे हैं।

12वीं में 87 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज इंटर कॉलेज मोहिबुल्लापुर गर्ल्स विंग की छात्रा हसीना खातून की तमन्ना चिकित्सक बनकर उन गरीब मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराना है  जो आर्थिक अभाव के कारण इससे वंचित रह जाते हैं। हसीना मां शहनाज बानो गृहणी हैं।

12वीं में 86 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज इंटर कॉलेज मोहिबुल्लापुर गर्ल्स विंग की छात्रा शगुन शुक्ला की तमन्ना शिक्षिका बनकर देश में शिक्षा की अलख जगाने की है। शगुन के पिता मुकेश शुक्ला प्राइवेट नौकरी करते हैं और मां मोनिका शुक्ला गृहणी हैं।

12वीं में 82 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज गर्ल्स एकेडमी बेलीगारद की छात्रा समीक्षा कुमारी चिकित्सक बनकर गरीबों को निःशुल्क व बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराना चाहती हैं। समीक्षा के पिता शंभूनाथ व मां प्रतिभा देवी हैं। समीक्षा का कहना है कि परीक्षा के लिए काफी अच्छी तैयारी की थी बोर्ड परीक्षा होती तो और अधिक अंक आते। उनका मानना है कि शिक्षकों की सहायता से बनाये गये नोट्स का गहनता से रिवीजन जरूरी है।

12वीं में 82 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली बाल निकुंज गर्ल्स एकेडमी बेलीगारद की छात्रा मुस्कान खान भी चिकित्सक बनकर गरीबों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना चाहती हैं। मुस्कान के पिता मो नाजिम व मां नाज हैं। मुस्कान का मानना है कि प्रतिदिन प्रत्येक विषय पर कम से कम 1 घंटे गहन पढ़ाई कर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

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