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भारतीय उद्योग किसान व्यापार मण्डल ने सीएमओ को सौंपा ज्ञापन, दी ये चेतावनी

लखनऊ। भारतीय उद्योग किसान व्यापार मण्डल के प्रतिनिधि मण्डल ने राष्ट्रीय प्रभारी हाफिज जलील अहमद सिद्दीकी, राष्ट्रीय अध्यक्ष रितेश गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष अजय त्रिपाठी ‘मुन्ना’ के नेतृत्व में लखनऊ के मुख्य चिकित्साधिकारी से मुलाकात की। प्रतिनिधि मण्डल ने कहाकि सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश से राजधानी लखनऊ आकर केजीएमयू, लोहिया अस्पताल, बलरामपुर अस्पताल, सिविल अस्पताल, क्वीनमेरी, रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज कराने आने वाले गरीब, कमजोर, असहाय, निराश्रित एवं निर्धन लोगों को मंहगी-मंहगी दवायें लिखकर बाहर से खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है। जिससे गरीब मजदूर अपना इलाज सही ढंग से नहीं करा पा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए जो व्यक्ति आता है, उसके पास पहले से ही पैसे का काफी अभाव होता है, वह सरकारी अस्पताल में इसलिए आता है कि वहां सब कुछ आसानी से निःशुल्क उपलब्ध हो जायेगा। लेकिन यह दुर्भाग्य है कि इस समय सभी सरकारी अस्पतालों में बाहर से मंहगी-मंहगी दवायें लिखी जा रही है, जो कि आम आदमी खरीदने में अपने को असमर्थ पाता है। 

पदाधिकारियों ने कहाकि सरकार यह कहती है कि सभी दवायें हम मरीजों को अस्पताल से ही उपलब्ध करा रहे हैं, उसके बाद भी डाक्टर लगातार दवायें बाहर से लिख रहे हैं। प्रतिनिधि मण्डल ने सीएमओ को चेतावनी देते हुए कहाकि अगर बाहर की दवायें लिखना बन्द न हुईं तो संगठन के पदाधिकारी एक ज्ञापन जिलाधिकारी को देंगे। उसके बाद भी अगर बाहर की दवा लिखना बन्द न हुआ तो इसके खिलाफ सड़क पर उतर कर आन्दोलन करने के लिए हम सभी लोग मजबूर होंगे। प्रतिनिधि मण्डल में मुख्य रूप से हाफिज जलील अहमद सिद्दीकी, रितेश गुप्ता, अजय त्रिपाठी ‘मुन्ना’, ताज खान, रमेश जायसवाल, सुरेश जायसवाल, रामशरन पाठक, अजय अवस्थी ‘बंटी’, विजय यादव, नीरज गुप्ता, मोहम्मद फुरकान, महेन्द्र सिंह गौड़ आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।

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