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कानपुर मेट्रो : 114 ट्रेन ऑपरेटर व स्टेशन कंट्रोलरों के हाथों में होगी की रफ़्तार

लखनऊ। आप सभी अब मेट्रो का हिस्सा है और आपके कंधों पर कानपुर मेट्रो की ज़िम्मेदारी होगी। जिसको आपको बहुत बखूबी निभाना होगा और खुद को एक मिसाल के रूप में पेश कर आने वाली पीढ़ी के लिए एक आदर्श स्थापित करना होगा। कानपुर मेट्रो परियोजना के लिए नवनियुक्त स्टेशन कंट्रोलर व ट्रेन ऑपरेटर को सम्बोधित करते हुए उक्त बातें प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहीं। कुमार केशव ने सोमवार को लखनऊ मेट्रो डिपो में नवीन भर्ती हुए 114 स्टेशन कंट्रोलरों को संबोधित करते हुए नैतिकता और नैतिक मूल्य के बारे में समझाया। 

उन्होंने बताया कि आप सभी उत्तर प्रदेश मेट्रो के ब्रांड एम्बेसडर है और आने वाले समय में आपका अच्छा व्यवहार ही आपको कम्यूटर से जोड़ेगा और आपको इसको ऐसे ही बरकरार रखना होगा, ये हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी भी है। लखनऊ मेट्रो ने एक तय समय में बनकर एक नयी पहचान बनाई है अब वहीं निर्माण के क्षेत्र में कानपुर  मेट्रो भी बहुत जल्द पूरे विश्व में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा। प्रबंध निदेशक के अथक प्रयासों का ही यह नतीजा है की ट्रांसपोर्ट नगर डिपो के अंदर एक भव्य ट्रेनिंग सेंटर को स्थापित किया गया जहां नए एवं पुराने प्रशिक्षुओं को ट्रेनिग दी जाती है। 

क्या ख़ास होता इन प्रशिक्षण में?

प्रारंभिक प्रशिक्षण की अवधी 23 सप्ताह की होती है जिसमे निम्नलिखित अनुखंड शामिल है :

• सिम्युलेटर के साथ प्रशिक्षण : प्रत्येक ट्रेन ऑपरेटर को इन 23 हफ्तों में कुल 48 घंटे की सिम्युलेटर के साथ प्रशिक्षण करना अनिवार्य होता है। 

• प्रशिक्षण के दौरान मेनलाइन (परिचालन ट्रैक) पर ट्रैन चलने का अनुभव: प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद इनको 40 किमी० टेस्ट ट्रैक व 360 किमी० मेनलाइन पर बिना यात्रियों वाली मेट्रो ट्रेन चलने का अवसर इन 23 हफ्तों मे मिलता है।  

• यात्रियों को संभालना, उनको समझना व सुरक्षा एक अहम कार्य है, कैसे वे इसके लिए प्रशिक्षित किये जाते है ? सभी ट्रैन ऑपरेटरो को भारतीय रेलवे के डॉक्टरों द्वारा प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण, उत्तर प्रदेश के अग्निशमन सेवा दल द्वारा अग्निशमन प्रशिक्षण व क्षेत्रीय अंग्रेजी भाषा कार्यालय, अमेरिकी दूतावास, दिल्ली द्वारा सॉफ्ट स्किल्स ट्रेनिंग दी जाती है।

कुमार केशव, प्रबंध निदेशक, उत्तर प्रदेश मेट्रो ने युवाओं के बारे में अपना दृष्टिकोण को साझा किया और बताया कि आज के युवाओं के पास एक महान दृष्टिकोण है जिसको अनुसरण के लिए बस मार्ग की आवश्यकता है। इसी विचारधारा के साथ उन्होंने लखनऊ मेट्रो में सभी ट्रेन ऑपरेटर व स्टेशन कंट्रोलर को अनुभव के बजाय शैक्षणिक योग्यता के आधार पर चयनित किया है।

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