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अस्वस्थ यात्रियों की सहायता से लेकर बिछड़ों को मिलाने तक, यात्री सेवा के हर आयाम में लखनऊ मेट्रो का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

लखनऊ मेट्रो ने जुलाई माह के दौरान यात्रियों को लौटाए 8 स्मार्टफोन, 1 लैपटॉप और 13 हजार रूपए

मेट्रो यात्रियों की छूटी हुई अमानतें सुरक्षित लौटा कायम की भरोसे की मिसाल

लखनऊ। अपने यात्रियों को त्वरित, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा मुहैया कराने के साथ-साथ उनकी सेवा और मदद के लिए लखनऊ मेट्रो की टीम पूरी प्रतिबद्धता से जुटी रहती है। मेट्रो से सफ़र के दौरान सामान की सुरक्षा यात्रियों की प्राथमिकता होती है, पर इसके बाद भी कई बार यात्री भूलवश या अनजाने में अपना सामान मेट्रो परिसर में छोड़ जाते हैं। जुलाई माह में लखनऊ मेट्रो ने ऐसे कई यात्रियों के 8 स्मार्टफोन, 1 लैपटॉप और कुल 13,446 रूपए कैश वापस लौटाए हैं। वापस लौटाई गई वस्तुओं में जरूरी दस्तावेज जैसे, मेडिकल लाइसेंस, गोस्मार्ट कार्ड, एटीएम कार्ड आदि भी शामिल हैं। यात्रियों को उनकी खोई हुई अमानत लौटाने के अलावा लखनऊ मेट्रो की टीम जिस गर्मजोशी और मैत्रीभाव से गाढ़े वक्त में यात्रियों की मदद के लिए सामने आती है, वह भी सराहनीय है।

लखनऊ मेट्रो की टीम ने जरूरत के समय आगे बढ़कर मुसीबत में फंसे यात्रियों की मदद भी की है। हाल ही में 28 जुलाई को अमौसी मेट्रो स्टेशन से सचिवालय आते समय 66 वर्षीय आरके वर्मा की तबीयत मेट्रो ट्रेन के अंदर अचानक ही बिगड़ने लगी। उसी ट्रेन में यात्रा कर रही लखनऊ मेट्रो की कंचन ने जैसे ही यह देखा, इसकी सूचना सचिवालय मेट्रो स्टेशन के स्टेशन कंट्रोलर मोहित को दी। स्टेशन कंट्रोलर और सुरक्षा गार्ड व्हीलचेयर लेकर वरिष्ठ यात्री की मदद के लिए प्लेटफॉर्म पर पहुंचे और प्राथमिक चिकित्सा के लिए उन्हें स्टेशन नियंत्रण कक्ष लेकर गए। साथ ही इस घटना के बारे में उनके पुत्र को भी सूचित कर दिया गया। समय पर यात्री की परिचर्या और उनकी मदद कर लखनऊ मेट्रो के कर्मचारियों ने एक जिम्मेदार यात्री सेवा का कर्त्तव्य निभाया।

23 जुलाई को सीसीएस एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन से आलमबाग मेट्रो स्टेशन जाते वक्त यात्री जमुना प्रसाद की 8 वर्षीय बच्ची ममता प्रसाद ट्रेन में ही उनसे बिछड़ गई। आलमबाग बस स्टैंड स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर तैनात सुरक्षा गार्ड आशीष यादव ने बच्ची को देखा और पूछताछ के बाद स्टेशन कंट्रोलर शिव सिंह के पास ले गए। थोड़ी ही देर में बच्ची के माता-पिता उसे खोजते हुए मेट्रो स्टेशन पहुंचे। बच्ची को वहां सुरक्षित देख उन्होंने चैन की सांस ली और मेट्रो के चाक-चौबंद व्यवस्था की खूब प्रशंसा की। माता पिता से वापस मिलकर छोटी बच्ची भी काफी खुश हुई। तमाम औपचारिकताएं पूर्ण कर माता- पिता उसे अपने साथ ले गए। एक अन्य घटना में 9 जुलाई को लखनऊ मेट्रो ने एक यात्री को मेट्रो ट्रेन में छूटी उनकी फाइल, जिसमें 7,000 रूपए कैश तथा अन्य जरूरी दस्तावेज थे, वापस किए।

उत्तर प्रदेश मेट्रो के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने लखनऊ मेट्रो की टीम की इस प्रतिबद्ध भाव से सेवा भावना की प्रशंसा की और कहा कि, ‘’यात्रियों की प्रशंसा और उनसे मिलने वाला प्यार ही यूपी मेट्रो की सच्ची कमाई है। यात्रियों के जानमाल की सुरक्षा और यात्री सेवा के हर आयाम में खरा उतरना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। यात्रियों को मैत्रीपूर्ण माहौल में सुलभ व सुविधाजनक यात्रा प्रदान करने के लिए हम पूरी लगन और निष्ठा से प्रयासरत रहेंगे।’’

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