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प्रधानमंत्री के ‘वोकल फार लोकल’ को ‘एक जिला एक उत्पाद’ से मिलेगा बल : निर्मला सीतारमण

उत्तर प्रदेश में पिछले चार सालों में साठ साल से ज्यादा हुई इंफ्रास्ट्रक्चरल ग्रोथ: वित्त मंत्री

प्रधानमंत्री के फैसलों से पब्लिक सेक्टर बैंक आज निर्णय लेने में स्वतंत्र

इंफ्रास्ट्रक्चर संपत्तियों के मुद्रीकरण की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार के बढ़ते कदम

गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के क्रियान्वयन हेतु सिक्योरिटाइज़ेशन के आधार पर पंजाब नेशनल बैंक से रु5100.00 करोड़ की ऋण-स्वीकृति

लखनऊ। औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने और उत्तर प्रदेश क्षेत्र को राष्ट्रीय बाज़ारों से त्वरित कनेक्टिविटी देने के लिए एक्सप्रेसवे का नेटवर्क विकसित किया जा रहा है उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के निर्माण का कार्य तेजी से प्रगतिशील है। इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 594 किमी.  होगी और यह उत्तर भारत का सबसे लम्बा और देश का दूसरा सबसे लम्बा एक्सप्रेसवे होगा। गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के क्रियान्वयन कार्यक्रम को संबोधित करते हुये वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछला जो बजट सदन में पेश किया गया उसका उद्देश्य था कि देश को करोना की चुनौतियों से उबारा जाये। इसके लिये ज़रुरी है कि इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन पर अधिक खर्च किया जाये।उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन तब तक देश की उन्नति में सहायक नहीं साबित हो सकता जबतक राज्य सरकार उस पर अधिक ध्यान न दे। उन्होंने कहा कि पिछले साठ सालों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर उतना काम नहीं हुआ जितना कि उत्तर प्रदेश में पिछले चार साल में हुआ. साथ ही पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप पर ध्यान देना भी अति आवश्यक है। 


उन्होंने कहाकि गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना एक अच्छी योजना है। इस पर न केवल आवागमन होगा बल्कि दोनो तरफ व्यापार कि गतिविधियां होगी,लोग जमीन खरीद सकेंगे और प्रधानमंत्री के वोकल फार लोकल अभियान को एक जिला एक उत्पाद का सहयोग मिलेगा। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि डिफेंस और इकोनामिक कारिडोर से उतर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश की उन्नति होगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने केंद्रीय बजट 2021-22 अभिभाषण में देश के विभिन्न भागों में समन्वित विकास के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर ज़ोर देते हुए ‘‘राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन’’ और ‘‘राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन’’ की वृहद अवधारणा प्रतिपादित की थी। इस इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधनों को जुटाने के लिए वित्तमंत्री ने अन्य स्रोतों के अतिरिक्त मुद्रीकरण की प्रक्रिया को इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण वित्तपोषण विकल्प के रूप में सुझाया था।

 

इस अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने गंगा एक्सप्रेसवे के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के एक अंश के रूप में बैंकों से सिक्योरिटाइज़ेशन आधारित ऋण की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया है। इसके अंतर्गत यूपीडाजो कि राज्य में एक्सप्रेसवे निर्माण हेतु शासन द्वारा निगमित अथॉरिटी हैद्वारा पंजाब नेशनल बैंक से रु. 5100.00 करोड़ के ऋण की स्वीकृति प्राप्त की गई है जिसका उपयोग उत्तर प्रदेश शासन द्वारा नव-निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना हेतु किया जाएगा। इस अवधि में एक्सप्रेसवे का स्वामित्व और संचालन यूपीडा द्वारा ही किया जाता रहेगा। इस प्रकार से सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर संपत्तियों के मुद्रीकरण का न सिर्फ प्रदेश मेंबल्कि समस्त उत्तर भारत में यह प्रथम नवोन्मेषी प्रयास है।

 

इस संबंध में ऋण-स्वीकृति पत्र के हस्तांतरण हेतु मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय बैठक शनिवार को इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुई। जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुख्य अतिथि के रूप में मार्गदर्शन किया। पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध निदेशक-सह-सी.ई.ओ. एस.एस. मल्लिकार्जुन राव ने ऋण-स्वीकृति पत्र का उत्तर प्रदेश शासन को हस्तांतरण किया। समारोह में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण तथा अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया। यूपी वित्तमंत्री सुरेश खन्ना के साथ साथ मुख्य सचिव आर.के. तिवारी एवं उत्तर प्रदेश शासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

 

राज्य सरकार द्वारा पिछले चार वर्षों में चहुंमुखी औद्योगिक विकास के क्षेत्र में अनेकों नए आयाम जोडे़ हैं। राज्य में कोविड-19 महामारी के चलते हुए भी औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिए जाने के साथ साथ समस्त उत्तर प्रदेश क्षेत्र को राष्ट्रीय बाज़ारों से त्वरित कनेक्टिविटी देने के लिए एक्सप्रेसवे का नेटवर्क विकसित किया जा रहा हैजिसके अंतर्गत पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग पूर्ण होने की प्रक्रिया में हैसाथ ही बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का 70 प्रतिशत काम पूर्ण हो गया है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के माध्यम से गोरखपुर क्षेत्र कोबलिया लिंक एक्सप्रेसवे के माध्यम से बलिया और उसके आस-पास के क्षेत्र को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ कर इन क्षेत्रों को तीव्र गति की कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।

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