Pages

लखनऊ के इस राष्ट्रीय बैंक के ब्रांच मैनेजर हड़प गये 10 करोड़, LDA ने करायी FIR

स्मारक समिति के 10 करोड़ गबन करने वाले शाखा प्रबंधक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज

स्मारक समिति के प्रबंधक वित्त को किया गया निलंबित 


लखनऊ। स्मारक समिति के द्वारा एफडी कराए जाने के लिए भेजी गई धनराशि में से 10 करोड़ 19 रुपये का बैंक ऑफ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक नागेंद्र पाल ने गबन कर लिया है। मुख्य प्रबंधक स्मारक समिति/ सचिव विकास प्राधिकरण पवन कुमार गंगवार ने गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। प्रकरण में  लखनऊ विकास प्राधिकरण के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा  को जांच अधिकारी नामित किया गया है। 

बैंक के स्तर से गबन किये जाने के कारण बैंक ऑफ बड़ौदा को ब्याज सहित धनराशि की एफ. डी. उपलब्ध कराते हुए रिस्टोर करने की अपेक्षा की गई है। स्मारक समिति की सभी एफ. डी. का सत्यापन करने के लिए वित्त नियंत्रक, लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। समिति में ओएसडी रामशंकर, सहायक लेखाधिकारी विनोद श्रीवास्तव और सहायक लेखाकार विनोद अवस्थी को सदस्य नामित किया गया है। सदस्य सचिव/ उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण अक्षय त्रिपाठी ने समय से एफडी का मिलान कर प्राप्त न करने हेतु प्रबंधक वित्त देवेंद्र मणि उपाध्याय को निलंबित कर दिया है।

एलडीए के वित्त नियंत्रक राजीव कुमार सिंह को स्मारक समिति के प्रबंधक वित्त का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।  स्मारक समिति ने 48 करोड़ की एफडी में विनियोजन के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा, रोशनाबाद, लखनऊ को 31 मार्च 2021 को उपलब्ध कराई थी। इसके पश्चात् एफडी प्रपत्रों को प्राप्त करने व उनके मिलान का उत्तरदायित्व देवेन्द्र मणि उपाध्याय, प्रबन्धक (वित्त) का था, परन्तु उनके द्वारा लगभग 04 माह से अधिक समय व्यतीत होने के पश्चात प्रथम बार माह अगस्त, 2021 में रिपोर्ट दी गई कि 37,99,99, 981 रुपये मात्र का ही विनियोजन किया गया है, शेष धनराशि 10,00,00,019 रुपये के एफडी प्रपत्र प्राप्त होना शेष है। इसके बाद पत्राचार से संज्ञान में आया कि शाखा प्रबन्धक, बैंक ऑफ बड़ौदा, रोशनाबाद, लखनऊ द्वारा फर्जी प्रपत्र तैयार कर गबन की कार्यवाही की गई है। स्मारक समिति के सदस्य सचिव अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि समय से एफडी प्रपत्र प्राप्त करते हुए उनका मिलान न करने में उपाध्याय की शिथिलता स्पष्ट होती है। उक्त प्रकरण कार्य में गम्भीर लापरवाही को द्योतक है। इसके अतिरिक्त स्मारक समिति के समस्त विनियोजन / विनिवेश (एफ०डी०) का सत्यापन कराये जाने के लिखित एवं मौखिक निर्देश 12 अगस्त 2021 को दिये गये थे, लेकिन उनके द्वारा स्मारक समिति के सभी प्रकार के विनियोजन से सम्बन्धित सत्यापन आख्या प्रस्तुत नहीं की गई। अपचारी कार्मिक के उक्त कृत्य से जन सामान्य के समक्ष स्मारक समिति की छवि धूमिल हुई है। उक्त कृत्य उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली के प्राविधानों के सर्वथा विपरीत है। निलम्बन अवधि में देवेन्द्र मणि उपाध्याय, प्रबन्धक (वित्त) को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड–2, भाग-2 से 4 के मूल नियम 53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्ध औसत वेतन अथवा अर्द्ध वेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर मंहगाई भत्ता देय है, भी अनुमन्य होग। निलम्बन अवधि में श्री देवेन्द्र मणि उपाध्याय, प्रबन्धक (वित्त) सदस्य सचिव के कार्यालय से सम्बद्ध रहेंगे। 


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ