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लघु उद्योग भारती के प्रादेशिक उद्यमी सम्मेलन में कई मुद्दों पर हुई चर्चा

लखनऊ। लघु उद्योग भारती के प्रादेशिक कार्यकारिणी की बैठक एवं उद्यमी सम्मेलन गोमती नगर स्थित एक होटल में आयोजित किया गया। इस इकाई की स्थापना सूक्ष्म, लघु उद्योगों की सहायता व संरक्षण के उद्देश्य से 25 अप्रैल 1994 को की गयी थी। इसमे सभी प्रदेशों और 450 से अधिक जिलों में संगठन की इकाईयां कार्य कर रही हैं। 'उद्योगहित 'राष्ट्रहित की मूल भावना के साथ, उत्तर प्रदेश के 59 जिलों में सक्रिय इकाईयां कार्यरत है। प्रदेश के ग्राम स्थित शिल्पकार अपना कला कौशल विकसित करते हुये स्थानीय व आधुनिक उद्योगों के चहुमुखी विकास के लिये बैठक में चर्चा हुई।

कोविड महामारी के कारण उत्पन्न विपरीत परिस्थितयों में भी लघु उद्योग भारती सजग रहकर उद्योगों के संचालन में भी संगठन सफल रहा हैं। संगठन के विस्तार एवं उद्योग विकास की महत्वपूर्ण भूमिका का दायित्व संगठन के केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा उत्तर प्रदेश की नई कार्यकारणी को दिया गया है। यह जानकारी परवेश जैन ने दी। मधुसूदन दादू (नोएडा) को प्रदेश अध्यक्ष व रवीन्द्र सिंह (लखनऊ) को प्रदेश महामंत्री नियुक्त किया गया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता बलदेव भाई प्रजापति (अखिल भारतीय अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती) ने की। बतौर मुख्य अतिथि नवनीत सहगल (अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन) मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेश के विभिन्न जिलों से 150 से अधिक पदाधिकारियों ने भाग लिया। राकेश गर्ग (राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री एवं उपाध्यक्ष उ0प्र0 लघु उद्योग निगम) ने प्रदेश कार्यकारणी की घोषणा की। उद्योगों को विभिन्न उत्पाद समूह में बांटकर और उत्पाद की गुणवत्ता एवं सरकार के साथ समन्वय कर प्रदेश के आर्थिक विकास की सम्भावनाओं पर प्रकाश डाला।

सिडबी लखनऊ के मुख्य महाप्रबन्धक विवेक मल्होत्रा, महाप्रबंधक राजीव कुमार ने उद्यमियों के समक्ष उद्योग के लिये सिडबी योजनाओं को विस्तार से बताया। प्रवीण कुमार (वाइस प्रेसिडेंट व क्लस्टर हेड एचडीएफसी) ने बैंक द्वारा संचालित योजनाओं को विस्तृत रूप से बताया। राष्ट्रीय अध्यक्ष बलदेव भाई प्रजापति ने लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय स्तर पर किये गये कार्यो, एम.एम.एम.ई. पॉलिसी में ट्रेडर को सम्मिलित किये जाने के विरोध में अपना पक्ष रखते हुये कहाकि इससे उत्पादन की जगह निर्यात के सापेक्ष आयात बढ़ेगा और कोविड काल में आयी। उन्होंने उद्योगों की समस्याओं पर लघु उद्योग भारती द्वारा किये गये कार्यों को भी विस्तार से बताया।

पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश मित्तल ने सूक्ष्म लघु उद्योगों को सरकार द्वारा वित्तीय सहायता व जी.एस.टी. के नियमों में आने वाली समस्याओं और समाधान की चर्चा की। वीरेन्द्र (पालक अधिकारी लघु उद्योग भारती) ने उद्योग को समग्र ग्राम्य विकास से जोड़ने पर बल दिया। जिससे गांव से शहर की ओर पलायन रुक सके और गांव में रोजगार के नये अवसर सृजित हो। प्रकाश चन्द्र (राष्ट्रीय संगठन मंत्री) ने संगठन के विस्तार की कार्ययोजना पर चर्चा की। लाडली प्रसाद (सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारणी ने उप्र के 18 मण्डलों में फैसेलिटेशन काउंसिल की स्थापना एवं उद्यमियों के लिये उसकी उपयोगिता पर चर्चा की और सरकार के उद्योग के सम्बन्ध में इस प्रयास की सराहना की। प्रदेश अध्यक्ष मधुसूदन दादू ने उद्योगों के विकास में पर्यावरण संतुलन के साथ आयात प्रतिस्थापन हेतु प्रयास किये जाने का आवाहन किया। उद्यमी अधिवेशन में एम.एस.एम.ई. पॉलिसी 2017 कैपिटल सब्सिडी को 5 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष किये जाने के लिये अनुरोध किया। प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों की अस्त व्यस्त अवस्थापना सुविधाओं के कारण आ रही समस्या पर चर्चा गयी।

लघु उद्योग भारती के सदस्यों द्वारा लखनऊ में "फॉर्मा पार्क" की स्थापना, वर्तमान में औद्योगिक भवनों पर लगने वाले अत्यधिक हाउस टैक्स के लिये कर निर्धारण प्रक्रिया को उद्योग हित में निर्धारित किये जाने का अनुरोध किया गया। शाहजहांपुर उद्यमियों द्वारा राइस मिलो की समस्याओं पर चर्चा की गयी। प्रदेश महामंत्री रवीन्द्र सिंह ने संगठन के विस्तार के क्रम में जिला इकाईयों को ग्राम पंचायत तक विस्तारित करके संगठन को मजबूत किये जाने की कार्य योजना प्रस्तुत की।  नवनीत सहगल (अपर मुख्य सचिव) ने शीघ्र ही समस्याओं का शासन स्तर पर संज्ञान लेते हुये प्रभावी कदम उठाये जाने का आश्वासन दिया।

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