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आजादी का अमृत महोत्सव थीम संग 1 अक्टूबर से सजेगा पुस्तकों का संसार

अठारहवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला मोतीमहल लान में 1 अक्टूबर से

लखनऊ। राजधानी के पुस्तक प्रेमियों के इंतजार की घड़ियां खत्म हो गई। 1 अक्टूबर से राणाप्रताप मार्ग स्थित मोतीमहल वाटिका लान  में आजादी का अमृत महोत्सव थीम संग पुस्तकों का संसार सजेगा। 10 अक्टूबर तक चलने वाला दस दिवसीय 18वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला पुस्तक प्रेमियों को देश दुनिया के लेखकों की पुस्तक से रूबरू कराएगा। वहीं चर्चा सत्र के साथ ही बच्चों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं भी होंगी। 1 अक्टूबर को मेले का उद्रघाटन उप मुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा करेंगे। दि फेडरेशन ऑफ पब्लिशर्स एण्ड बुकसेलर्स एसोसिएशन्स इन इण्डिया, नई दिल्ली के सहयोग से के.टी. फाउण्डेशन व फोर्सवन द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव थीम पर यह मेला 10 अक्टूबर तक चलेगा। मेले का उद्घाटन एक अक्टूबर को शाम पांच बजे होगा। हर किताब पर कम से कम 10 फीसदी छूट के साथ मुफ्त प्रवेश वाले मेले में विमोचन, परिचर्चा, लेखक से मिलिये आदि विविध साहित्यक, कवि सम्मेलन, सांस्कृतिक कार्यक्रम व प्रतियोगिताएं बराबर चलेंगी। पुस्तक मेले में प्रमुख आकर्षण महिला हेल्पलाइन पिंक बूथ रहेगा।


मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने मेले की थीम “आजादी का अमृत महोत्सव“ पर रोशनी डालते हुए बताया कि कोराना महामारी के कारण पुस्तक व्यापार को मोटे तौर पर 26 हजार करोड़ से भी ज्यादा का भारी नुकसान हुआ है। इसमें से 80 प्रतिशत शैक्षिक पुस्तकें हैं। केंद्र और राज्य सरकार ने महामारी को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। 10 करोड़ से अधिक टीकाकरण खुराक का आंकड़ा हासिल किया है और आयोजनों के मानदंडों को आसान बनाया है। इस क्रम में हमारी समिति ने कोविड नियमों का पालन करते हुए 18वें राष्ट्रीय पुस्तक मेले के आयोजन की पहल की है। उन्होंने बताया कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पुस्तक मेले की सफलता पर अपना आशीर्वाद दिया है। मेले के प्रारम्भ से ही आयोजनों से जुड़े रहे उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा शुक्रवार एक अक्टूबर को शाम 5 बजे पुस्तक मेले का उद्घाटन करेंगे। 18वें मेले में भारतीय कला प्रकाशन, बहुजन बोध साहित्य व नई किताब जैसे प्रकाशन पहली बार दिखेंगे। 

सह-आयोजक आस्था ढल ने पुस्तकों के कभी न खत्म होने की चर्चा करते हुए कहा कि किताबें सबसे अच्छी दोस्त मानी जाती हैं और सदियों से समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही हैं। उन्होंने बताया कि साहित्यिक मंच पर डा. सुधाकर अदीब, विनोद कुमार दीक्षित, अलका प्रमोद, राकेश तिवारी की पुस्तकों के लोकार्पण व उन पर चर्चा जैसे अनेक आयोजन होंगे। पुस्तक मेले के निदेशक आकर्ष चंदेल ने बताया कि पुस्तक प्रेमियों की सुरक्षित और आरामदायक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किए जाएंगे। देश के प्रमुख प्रतिष्ठित पुस्तक मेलों में शुमार इस पुस्तक मेले में मेले में राजकमल, वाणी, निखिल पब्लिशर्स, सम्यक प्रकाशन, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, रामकृष्ण मिशन, इकतारा ट्रस्ट भोपाल, ऋषि पब्लिशर्स, गायत्री ज्ञान मंदिर, वैदिक साहित्य, स्कालर्स हब, एंजल बुक हाउस, पीसीआरए, आर्यन बुक, विधि बुक्स, सबरवाल बुक, अरिहंत बुक, गिडौन्स, कुण्डिलिनी योग, एजूकेशनल एण्ड सांइटिफिक एड्स, हिंदी वांग्मय निधि, अहमदिया, रितेश बुक व कलाकुंज जैसे वितरकों व प्रकाशकों की सौ से अधिक स्टाल होंगे। 

संरक्षक राकेश जैन ने बताया कि मेले को स्थानीय स्मार्ट सिटी, नगर निगम, पुलिस कमिश्नरेट से सहयोग प्राप्त है। वे भी अपनी परियोजनाओं व उपलब्धियों का प्रदर्शन करेंगे। मेले में महिला हेल्पलाइन पिंक बूथ भी होगा और फूड जोन भी। मुख्य संरक्षक मुरली धर आहूजा ने कहाकि पुस्तक विमोचन, लेखक से मिलें, कवि सम्मेलन, मुशायरा जैसे विभिन्न कार्यक्रम होंगे। गायन एवं नृत्य, प्रश्नोत्तरी, ड्राइंग, स्लोगन लेखन, कहानी लेखन प्रतियोगिता, जादू-कठपुतली शो के साथ बच्चों के लिए ऑनलाइन प्रतियोगी कार्यक्रम भी होंगे। मेले में आई-क्यू, एसिलॉर व ऑप्टीप्रेन्योर के सौजन्य से पुस्तक प्रेमियों के लिये परामर्श व सर्वेक्षण के संग आई चेकअप कैम्प दसों दिन चलेगा।

मेले की सफलता का श्रेय भागीदारों, प्रकाशकों और बड़ी तादाद में आने वाले पुस्तक प्रेमियों को जाता है। यहां दस दिन चलने वाले इस मेले का भागीदार प्रकाशकों व पुस्तक वितरकों कों इंतजार रहता है वहीं मेले में हजारों पाठक और खरीदार कई-कई बार आते हैं। मेले और मेले में आए पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जैसे अतिथियों से प्रेरित होकर घरों में पुस्तकालय स्थापित करने, बुक क्लब बनाने और खरीदकर पुस्तक पढ़ने जैसी गतिविधियां इस मेले की ही देन हैं।

मेले में हमेशा की तरह इस वर्ष भी स्थानीय लेखकों के लिए अलग से निःशुल्क स्टाल की व्यवस्था है, जहां के अपनी पुस्तकें प्रदर्शन व बिक्री के लिए रखवा सकेंगे। धनुर्विद्या के हैरतअंगेज प्रदर्शन के साथ मुख्य सांस्कृतिक मंच पर पुस्तकों के विमोचन, लेखक से मिलिए, साहित्यिक परिचर्चा कार्यक्रम और कवि सम्मेलन-मुशायरा आदि विविध मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम हर दिन का आकर्षण होंगे। मेले के समापन समारोह में चुनिंदा स्टाल धारकों व प्रमुख सहयोगियों को अतिथिगण सम्मानित करेंगे। इस मौके पर समाचार पत्र-इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधियों का आभार प्रकट करते हुए संरक्षक टीपी हवेलिया, आकर्ष चंदेल, बिंदु जैन, ज्योति किरन रतन भी अपने विचार व्यक्त करने के साथ उपस्थित रहे।

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