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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना : जोनल कार्यालयों पर लगेंगे कैम्प, अहम भूमिका निभाएंगे पार्षद

मातृ वंदना सप्ताह के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वालों का हुआ सम्मान, महापौर और विधायक ने किया सम्मानित

लखनऊ। राजधानी में एक से सात सितंबर तक मनाये गए ‘मातृ वंदना सप्ताह’ का समापन हो गया। आखिरी दिन मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और मातृ वंदना सप्ताह के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्वास्थ्य अधिकारियों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहाकि पहली बार गर्भवती होने वाली महिला के लिए चलायी जा रही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) से गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार आया है और उनको पोषण उपलब्ध हो रहा है। इसको सफल बनाने में हर व्यक्ति का योगदान बहुत जरूरी है। कोई भी जरूरतमंद महिला इससे वंचित न  रहे, ऐसा हमे प्रयास करना चाहिए। सभी के सहयोग से ही योजनाएं सफल हो सकती हैं। महापौर ने कहाकि लखनऊ महानगर की महिलाओं को लाभ दिलाने की भी ज्यादा आवश्यकता है, इसलिए नगर निगम और पार्षद सहयोग प्रदान करेंगे। इस योजना को सफल बनाने में सभी पार्षद अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि महानगर के समस्त आठो जोनों में इसके लिए अलग से डेस्क बनाई जाएगी और समस्त पार्षदों को योजना की जानकारी उपलब्ध कराकर वार्डवार जरूरतमंद महिलाओं को इस योजना का लाभ दिलाया जाएगा। जिससे लखनऊ की जरूरतमंद गर्भवती महिलाएं इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगी। महापौर ने कहाकि सभी पार्षद पीएमएमवीवाई के तहत प्रथम बार माँ बनने वाली गर्भवती का शत-प्रतिशत योजना के तहत पंजीकरण कराने में अपना सौ फीसद योगदान देंगे।

 

इस मौके पर मलिहाबाद क्षेत्र की विधायक जय देवी कौशल ने कहाकि गर्भवती के लिए यह योजना वरदान साबित हो रही है। उनके बेहतर स्वास्थ्य देखभाल एवं पोषण के लिए चलायी गयी यह योजना केंद्र सरकार की एक अच्छी पहल है। इस योजना को सफल बनाने में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम् है। वह घर-घर जाकर जहाँ समुदाय को इस योजना के बारे में बता रही हैं वहीँ इस योजना का फॉर्म भरने से लेकर उनकी शंकाओं का समाधान भी कर रही हैं।

इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने कहाकि योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने पर पोषण के लिए 5000 रुपये तीन किश्तों में गर्भवती के खाते में दिए जाते हैं। पहली किश्त 1,000 रुपये की गर्भधारण के 150 दिनों के अंदर पंजीकरण कराने पर,  दूसरी किश्त 2,000 रुपये 180 दिनों के अन्दर व 2,000 रूपये की तीसरी किश्त प्रसव पश्चात और शिशु के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर मिलती है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2017 में जब से योजना की शुरुआत हुई है तब से अब तक  जनपद में 64,597 महिलाओं को इस योजना के तहत पंजीकृत कर लगभग 23.21 करोड़ रूपये की धनराशि प्रदान की गयी है । वर्ष 2020-21 में 5954 महिलाओं का पंजीकरण कर 1.64 करोड़ की धनराशि प्रदान की है। 

पीएमएमवीवाई के राज्य नोडल अधिकारी राजेश बांगिया ने कहाकि इस योजना के तहत दी जाने वाली धनराशि गर्भवती के खाते में सीधे पहुँचती है। खाता लाभार्थी के नाम का होना चाहिए। योजना का लाभ पाने के लिए जरूरी है कि बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए। प्रसव चाहे सरकारी स्वास्थ्य सुविधा में हुआ हो या निजी, लाभ सभी को मिलता है लेकिन पंजीकरण सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार में स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) लखनऊ सहित पूरे सूबे में अहम् भूमिका निभा रही है। 

इस अवसर पर स्वयंसेवी संस्था इंडस एक्शन की राज्य प्रतिनिधि शुभ्रा त्रिवेदी ने कहाकि शहरी क्षेत्रों में इस योजना में जनप्रतिनिधियों और इस क्षेत्र में काम करने वाली स्वयंसेवी संगठनों के परस्पर सहयोग से पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को सौ फीसद इस योजना से जोड़ा जा सकता है। समारोह के अंत में पीएमएमवीवाई के जिला नोडल अधिकारी डा. आर.वी. सिंह ने समारोह में उपस्थित अतिथियों को धन्यवाद प्रस्तुत किया।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना सप्ताह के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने के लिए महापौर संयुक्ता भाटिया एवं विधायक जयदेवी कौशल द्वारा मलिहाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के चिकित्सा अधीक्षक डा. अवधेश कुमार सहित 38 स्वास्थ्य अधिकारियों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, डाटा एंट्री ऑपरेटर (डीईओ),  सीफॉर, इंडस एक्शन और पॉपुलेशन सर्विस इंटरनेशनल (पीएसआई) के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.अभिलाषा मिश्रा, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, पीएमएमवीवाई के जिला कार्यक्रम समन्वयक सुधीर वर्मा, जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक विष्णु, सेंटर फॉर एडवोकेसी (सीफॉर), इंडस एक्शन, पॉपुलेशन सर्विस इंटरनेशनल (पीएसआई), यूनिसेफ,  विश्व स्वास्थ्य संगठन  के प्रतिनिधि और मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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