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उद्योगों के लिए बिजली की परिचालन लागत को कम करना महत्वपूर्ण

फिक्की, आईइएक्स व पसवारा पेपर्स के संयुक्त तत्वाधान में वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए प्रतिस्पर्धात्मक दर पर बिजली खरीद के लिए हुआ वेबिनार का आयोजन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए बिजली खरीद पर वेबिनार का आयोजन किया गया। उत्तर प्रदेश में उद्योग हमेशा बिजली की दरों को कम करने के बारे में चर्चा एवं मांग उठाते रहे हैं क्योंकि यह एक उनके उत्पादों के विनिर्माण में लागत का एक प्रमुख कारक है। इस समय बिजली की दर महामारी के बाद के समय में सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है क्योंकि अब उद्योगों को आर्थिक मंदी से निपटने के लिए अपनी उत्पादन लागत को कम करने और सस्ती बिजली की आवश्यकता है।

उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (यूपीईआरसी) ओपन एक्सेस के माध्यम से औद्योगिक इकाइयों द्वारा विद्युत प्राप्त करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे उद्योगजगत की लम्बे समय से लम्बित मांग की पूर्ति हो सकेगी। इसे ओपन एक्सेस के लिए नियम और शर्तें विनियम, 2019 के रूप में कहा जाता है। ओपन एक्सेस के लिए पात्रता मानदंड उन उपभोक्ताओं के लिए अनुमन्य है जो 1 मेगावाट और उससे अधिक की अनुबंधित मांग के लिए खुली पहुंच 11 केवी और उससे अधिक पर जुड़े हुए है। उपभोक्ता अब स्थानीय डिस्कॉम से महंगी बिजली खरीदने के बजाय प्रतिस्पर्धात्मक रूप से बिजली प्राप्त कर सकते हैं। यह विनियम उपभोक्ताओं को बिजली जनरेटर, व्यापारियों या एक्सचेंजों से सीधे बिजली खरीदने की अनुमति देता है। यह उद्योगो के लिए आवश्यक है कि वे अधिक से अधिक ओपन एक्सेस का विकल्प चुनें और इसका लाभ उठाएं।

रोहित बजाज (हेड और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट-बिजनेस डेवलपमेंट, आईईएक्स) ने कहा, “आज आईईएक्स भारत में स्थित लगभग 4500 से अधिक वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को प्रतिस्पर्धी मूल्य पर बिजली की सुविधा प्रदान कर रहा है। यूपी के उपभोक्ताओं के लिए यह बहुत बड़ा अवसर उपलब्ध है क्योंकि वे बिजली खरीद लागत को 1 रुपये प्रति यूनिट तक कम कर सकते हैं। एक्सचेंज पर 80 से अधिक ग्राहक पहले से ही बिजली बाजार का लाभ उठा रहे हैं और संभावनाएं इससे कहीं अधिक बनी हुई हैं। हमें विश्वास है कि यह वेबिनार यूपी के सभी 1 मेगावाट और उससे अधिक के ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं को एक्सचेंज के माध्यम से लाभ लेने और बिजली खरीदने की सुविधा प्रदान करेगा। जिससे राज्य में औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। सालाना आधार पर उत्तर प्रदेश में वाणिज्यिक एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं द्वारा खपत की जाने वाली कुल बिजली खपत का 14% हिस्सा है। राज्य में वर्तमान में लगभग 28,000 मेगावाट की स्थापित क्षमता है। चूंकि यूपी एक पसंदीदा निवेश गंतव्य बनने की ओर अग्रसर है, उद्योगों के लिए बिजली की परिचालन लागत को कम करना एक महत्वपूर्ण कारक है। ओपन एक्सेस को प्रोत्साहित कर संभावित रूप से वाणिज्यिक एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं को उनकी बिजली की लागत कम करने में मदद की जा सकती है, जिससे वे अपनी समग्र परिचालन दक्षता में सुधार कर सकते हैं और राज्य के विकास में योगदान कर सकते हैं।"

पसवारा पेपर्स लिमिटेड के निदेशक विनोद अग्रवाल ने कहा कि राज्य के उद्योग अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार के लिए गुणवत्ता, लागत प्रभावी उत्पाद बनाने के लिए अनुसंधान एवं विकास, नवाचार, नीतियों में सरकार से समर्थन चाहते हैं। अब जबकि सरकार ने इसे यूपी में अनुमति दे दी है, बिजली के भारी उपयोगकर्ताओं को ओपन एक्सेस से फायदा हो सकता है।

अमित गुप्ता (हेड फिक्की उत्तर प्रदेश) ने कहा कि इसके लिए उद्योग और सरकार को एक साथ आने और इस कठिन परिस्थिति को उत्तर प्रदेश उद्योग के लिए एक अवसर में परिवर्तित करने की आवश्यकता है। ओपन एक्सेस उपयोगकर्ताओं की बढ़ती संख्या ने पहले ही इस योजना में इसकी क्षमता प्रदर्शित कर दी है।"

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