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पीएम मोदी का अखिलेश पर तंज कहा, सोच ईमानदार हो तो काम दमदार होता है

बलरामपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यूपी के जिला बलरामपुर पहुंचकर सरयू नहर परियोजना का लोकार्पण किया। पीएम मोदी ने सबसे पहले राज्यपाल व सीएम के साथ सरयू नहर परियोजना से संबंधित मॉडल का निरीक्षण किया। उसके बाद बटन दबाकर देश की सबसे बड़ी सिंचाई परियेाजना का शुभारंभ किया। 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का लोकार्पण कर अपने भाषण में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ को श्रद्घांजलि दी और कहा कि उनका निधन देश के लिए बड़ी क्षति है। उनके निधन से हर देशभक्त दुखी है। ऐसे देश के वीर योद्घा को मैं नमन करता हूं।


नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में पिछली सरकारों के काम काज पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकारी पैसा है तो मुझे क्या, ये सोच देश के संतुलित और संपूर्ण विकास में सबसे बड़ी रुकावट बन गई थी। इसी सोच ने सरयू नहर परियोजना को लटकाया भी, भटकाया भी। पीएम ने कहा कि आज से करीब-करीब 50 साल पहले इस पर काम शुरु हुआ था और आज इसका काम पूरा हुआ है। जब इस परियोजना पर काम शुरू हुआ था, तो इसकी लागत 100 करोड़ रुपए से भी कम थी। आज ये लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपए खर्च करने के बाद पूरी हुई है। पहले ही सरकारों की लापरवाही की 100 गुना ज्यादा कीमत देश को चुकानी पड़ी है। 


सोच ईमानदार हो तो काम दमदार होता है

पीएम मोदी ने कहा कि देश की नदियों के जल के सदुपयोग हो, किसानों के खेत तक पर्याप्त पानी पहुंचे, ये सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इस परियोजना से किसानों के खेतों की प्यास बुझेगी और हमारी संस्कृति में कहा भी जाता है कि अगर किसी प्यासे को पानी पिला दिया तो बड़ा पुण्य होता है। यह परियोजना किसानों की बड़ी जरूरत को पूरा करेगी। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का पूरा होना इस बात का सबूत है कि जब सोच ईमानदार होती है, तो काम भी दमदार होता है। 

सरयू नहर परियोजना में जितना काम 5 दशक में हो पाया था, उससे ज्यादा काम हमने 5 साल से पहले करके दिखाया है। यही डबल इंजन की सरकार है। यही डबल इंजन की सरकार के काम की रफ्तार है।

43 साल बाद साकार हो रहा सपना 

सरयू नहर परियोजना का सपना 43 साल बाद साकार हो रहा है। 1971-72 में यह परियोजना शुरू हुई थी लेकिन मोदी सरकार बनने के बाद यह परियोजना परवान चढ़ सकी। वर्ष 2018 से इस परियोजना के कार्य में तेजी आई और इसे राष्ट्रीय परियोजना मे शामिल किया गया। 

9802 करोड़ से बनी परियोजना

9802 करोड़ से बनी परियोजना के शुरू होने से भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के नौ जिलों के करीब साढ़े 14 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलने लगेगी। पांच नदियों को जोड़ने वाली यह परियोजना बलरामपुर, श्रावस्ती, गोंडा, बहराइच, बस्ती, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, संत कबीरनगर व गोरखपुर के किसानों को लाभान्वित करेगी। करीब 808 किमी लंबी इस नहर योजना से गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती समेत नौ जिलों के किसानों को लाभ होगा। इससे लाखों किसानों को फायदा होगा। 




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