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आशियाने का सपना पूरा करेगा शायना फांउडेशन

• सुपुत्री शायना के जन्मदिन पर शुभारंभ की तैयारी

• आईआईटीएनंस की अभिनव पहल

 लखनऊ। अपना खुद का आशियाना हर किसी का सपना होता है। आबादी बढ़ने के साथ इसकी चुनौतियां भी बढ़ी हैं। अब लोगों के इस सपने को पूरा करने के लिए आईआईटी पास आउट छात्रों ने अभिनव पहल की है। उन्होंने शायना फांउडेशन नाम से देश की पहली मुनाफा रहित (नॉट फॉर प्रॉफिट) कंपनी बनाई है। इसका मकसद लोगों को उनकी पसंद के मुताबिक छत मुहैया कराना है। इसकी शुरूआत फांउडेशन के अध्यक्ष केबी गुप्ता अपनी बड़ी सुपौत्री शायना के जन्मदिन के अवसर पर करने जा रहे हैं। 

अध्यक्ष केबी गुप्ता पिछले करीब तीन दशकों से रियल स्टेट समेत भारत के  विभिन्न बिजली निगमों, बीमा, लेखा परीक्षा, आईटी क्षेत्र में काम करने वाली  दिग्गज कंपनियों से जुड़े रहे हैं। उनके पास रियल स्टेट में काम करने का लंबा अनुभव है। विभिन्न रियल स्टेट एवं इंजीनियरिंग परामर्श कंपनियों की  स्थापना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अध्यक्ष के तौर पर केबी गुप्ता शायना फांउडेशन को मजबूती के साथ भविष्य की चुनौतियों के लिए सक्षम बना रहे हैं। उनकी अगुवाई में फांउडेशन न सिर्फ घरेलू मांग पूरी करने में जुटा है  बल्कि आने वाले समय में वैश्विक चुनौतियों से निपटाने के लिए भी अपने आपको  मजबूती के साथ तैयार कर रहा है। उनका सपना शायना फांउडेशन को विश्व स्तरीय रियल स्टेट कारपोरेशन में बदलाना है। अनुभव के साथ ही फांउडेशन युवा जोश से भी लबरेज है। 

 

इसके प्रबंधन की कमान आईआईटी रुड़की के मेधावी छात्र रहे शशांक गुप्ता ने संभाल रखी है। शशांक पिछले करीब बीस साल से कारोबारी दुनिया में हैं। भारत के अलावा एशिया, यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका में अध्ययन के बाद उन्होंने तमाम वैश्विक संगठनों  के साथ काम किया। शशांक पहले रियल एस्टेट से संबंधित कई प्रोजेक्ट को  सफलतापूर्वक अंजाम दे चुके हैं। शशांक गुप्ता पिछले बीस वर्षों के दौरान  भारत में पांच सौ से अधिक कर्मचारियों के साथ विभिन्न छह स्टार्टअप स्थापित  करने में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। शशांक आईटीए बीमा एवं खुदरा  जैसे व्यवसाय में भी शामिल रहे। रियल स्टेट क्षेत्र में उनकी कार्यकुशलता  को तमाम राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय पत्रिकाओं में भी सराहा जा चुका। वे  उत्तर भारत में रियल स्टेट क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली युवा टाइकून में एक हैं।

 देश की पहली नॉट फॉर प्रॉफिट हाउसिंग कंपनी शायना फांउडेशन की नींव देश की पहली मुनाफा रहित नॉट फॉर प्रॉफिट हाउसिंग  कंपनी के तौर पर रखी गई है। अध्यक्ष केबी गुप्ता का कहना है कि रियल स्टेट दुनिया में मुनाफे की अंधी दौड़ ने आवास को लोगों की पहुंच से दूर किया है। बिल्डर्स की अधिक से अधिक मुनाफा कमाने की इच्छा के चलते ही आवासीय ईकाईयां  लोगों की पहुंच से धीरे-धीरे दूर होती जा रही हैं जबकि आवास मनुष्य की सबसे बड़ी आवश्यकता है। इसे सभी मनुष्यों तक सहजता से पहुंचाने का काम करना  चाहिए। इसी अवधारणा के साथ ही शायना फांउडेशन की शुरूआत की गई। इसके जरिए  लोगों को उनकी आवश्यकता के मुताबिक आवास मुहैया कराने की कोशिश की जाएगी।

 

फांउडेशन ने अपने उद्देश्य के मुताबिक जल्द काम शुरू करने जा रही है सबसे पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी ड्रीम सिटी और तहजीब का शहर के तौर पर पूरी दुनिया में पहचाने जाने वाले लखनऊ एवं धार्मिक नगरी काशी से इसकी शुरूआत की गई। बाबा विश्वनाथ मंदिर के नवनिर्मित कॉरीडोर के चलते भी बनारस इन दिनों पूरी दुनिया के आकर्षण का केंद्र नए सिरे से बन रहा है। आने वाले समय में यहां बसावट के तेज होने की  उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में शायना फांउडेशन का उद्देश्य है कि इन दोनों  शहरों में आवास सबकी पहुंच के मुताबिक बनाए जा सकें। इसे लोग काफी पसंद भी कर रहे हैं। फाउंडेशन सुन्दर और आलीशान दिखने वाले घर बिना किसी मुनाफा लिए लोगों को उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्घ है। यहां टू  बीएचके के आवास 1000 वर्गफुट के करीब उपलब्ध हैं। क्लब एवं स्विमिंग पूल  समेत अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएगी। भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रगति  पर है। वाराणसी में भी यह सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

 बाजार से तीस प्रतिशत कम मूल्य पर उपलब्ध होंगे सस्ते घर

अध्यक्ष केबी गुप्ता ने अपनी योजना के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए  बताया कि फाउंडेशन बाजार से तीस प्रतिशत कम मूल्य पर सस्ते घर उपलब्ध  कराएगा। इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। उनका कहना है कि इस मूल्य  में बेहद शानदार और टिकाऊ आवास मुहैया कराए जा सकते हैं लेकिन, रियल स्टेट  की दुनिया में हाल के वर्षों में अधिक से अधिक मुनाफा कमाने की होड़ पैदा  हुई। इसका नतीजा आवास के मूल्यों पर पड़ा। इनके दाम बेतहाशा बढ़े। फाउंडेशन का उद्देश्य है कि अत्याधिक मूल्य की वजह से कोई भी आवास जैसी प्राथमिक  जरुरत से वंचित न रहने पाए। काम शुरू करने से पहले फाउंउेशन ने व्यापक  रिसर्च की। उसमें यह बात मालूम चली कि बिना गुणवत्ता से समझौता किए बाजार  के मौजूदा रेट से करीब तीस प्रतिशत कम मूल्य पर यह आवास आसानी से मुहैया  कराए जा सकते हैं। अब फांउडेशन ने इसी दिशा में काम करना शुरू किया है।  उन्होंने उम्मीद जताई की आने वाले समय में फांउडेशन की इस पहल का आम लोगों को फायदा मिलेगा।

 आईआईटीयंस ने दिखाया जलवा

मुनाफा की नींव पर खड़े रियल स्टेट की दुनिया में नॉन फॉर प्रॉफिट पर आधारित फाउंडेशन को स्थापित करना एक बेहद साहस से भरा फैसला है लेकिन, शशांक गुप्ता की अगुवाई में प्रोजेक्ट से जुड़ी आईआईटीयंस की टीम ने यह करके दिखा दिया। संगठन की स्थापना के बाद फाउंउेशन ने सफलता पूर्वक अपना काम भी शुरू कर दिया। लखनऊ, बनारस जैसे शहरों में संगठन को अपने काम में शुरूआती सफलता मिलनी शुरू हो गई। शशांक का कहना है उनका लक्ष्य बुनियादी ढांचे के साथ भारत के आर्थिक विकास में योगदान करने का है। समाज के पर्यावरण और स्वास्थ्य पर भी सकरात्मक प्रभाव डाले। उनका एक मंत्र है, हम यहां परिवर्तन के लिए हैं, इसे फिर से तैयार करने, बदलने और नई दिशा में मोड़ने के लिए यहां हैं।

 अगले 15 वर्ष में 5 लाख स्टाइलिश घर तैयार करेगा फांउडेशन

अध्यक्ष केबी गुप्ता के मुताबिक शायना फांउडेशन का शार्ट टर्म विजन अपनी  स्थापना के अगले 15 वर्षों में उत्तर प्रदेश समेत भारत के महत्वपूर्ण शहरोंमें पांच लाख स्टाइलिश घर तैयार करना है। यह आधुनिक एवं सुविधापूर्ण घर इस समयावधि तक तैयार कर लिए जाएंगे। यह सभी आवासीय ईकाई नॉट फॉर प्रॉफिट मॉडल पर दिए जाएंगे। इनकी कीमत बाजार मूल्य से करीब तीस फीसदी कम होगी। इसे आगे बढ़ाते हुए भविष्य में देश के दूसरे हिस्सों में भी फैलाने की योजना है।

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