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भव्य कलश यात्रा संग महानगर रामलीला मैदान में श्रीरामकथा शुरू

लखनऊ। भगवान की असीम कृपा से ही हम सब सन्मार्ग की ओर प्रेरित होते है। माता पार्वती के शंका समाधान करते हुए महादेव ने बताया कि देवी ईश्वर सगुण भी है और निर्गुण भी। भक्त जिस रूप में चाहता है प्रभु उसी रूप में भक्तों को दर्शन देते है। विवेकानंद एजुकेशनल एवं सोशल वेलफेयर इंटीट्यूट के तत्वावधान में महानगर रामलीला मैदान में मंगलवार को शुरू हुए नौ दिवसीय श्रीरामकथा के प्रथम दिवस कथा व्यास आचार्य शांतनु जी महाराज ने मानस की महिमा बताते हुए कहा कि ये रामायण कल्पबृक्ष के समान है। इसको गाने वाला जो चाहता है वो उसको मिलता है, परंतु शर्त है कि इसे निर्मल मन से गाया जाय। 

भगवान शिव के विवाह की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि शिव और पार्वती श्रद्धा और विश्वास के प्रतीक है। इसीलिए रामकथा में पहले शिव और पार्वती की कथा है। भगवान शिव की बारात का दर्शन कराते हुए उन्होंने कहा कि उनकी बारात में भूत प्रेत भी शामिल थे, परंतु वे भी बहुत ही संयमित थे। परन्तु आज की क्या स्थिति है हम सब को इस पर विचार करना चाहिए। उन्होंने समाज में व्याप्त अनेक कुरीतियो पर कुठाराघात किया।

इससे पूर्व आयोजक सविता सिंह के नेतृत्व में 108 महिलाओं ने सिर पर कलश रखकर सिविल अस्पताल महानगर से गोलमार्केट, क्लासिक चौराहा होते हुए महानगर रामलीला मैदान तक कलश यात्रा निकाली। रामकथा में ललित मोहन जोशी, नरेंद्र देवड़ी, मनोज वर्मा, श्याम प्यारे, सुनील शंखधर, मधुबाला, सुमन, गीता, शैल वर्मा, गोविंद सहित काफी संख्या में भक्त मौजूद रहे।

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