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कोरोना का कहर : लक्ष्मण नगरी में नहीं बिखरेगी पर्वतीय छटा, उत्तरायणी कौथिग स्थगित

14 से 23 जनवरी तक होने वाला उत्तरायणी कौथिग (मेला) - 2022 स्थगित

लखनऊ। तेजी से बढ़ रहे कोरोना के चलते इस वर्ष गोमा तट पर पर्वतीय छटा नहीं बिखरेगी। सोमवार को भारत रत्न पं. गोविन्द बल्लभ पन्त पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन, बीरबल साहनी मार्ग पर हुई पर्वतीय महापरिषद कार्यकारिणी की बैठक में कोविड संक्रमण की परिस्थितियों को देखते हुए 14 से 23 जनवरी 2022 तक आयोजित होने वाले उत्तरायणी कौथिग-2022 को स्थगित करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। इसी क्रम में यह भी तय किया गया कि भविष्य में मार्च, अप्रैल में होली के बाद या कोविड महामारी के नियंत्रित होने के पश्चात् इस मेले को किसी अन्य तिथि पर आयोजित करने पर विचार किया जाएगा।  

महापरिषद के अध्यक्ष गणेश चन्द्र जोशी ने कहा कि कोविड की वर्तमान परिस्थतियों को देखते हुए जन-स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक है। अतः उत्तरायणी कौथिग 2022 को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया है। महासचिव महेन्द्र सिंह रावत ने कहाकि पर्वतीय समाज एक जिम्मेदार समाज है अतः मेला दर्शकों, दुकानदारों एवं कार्यकर्ताओं के हित को देखते हुए उत्तरायणी कौथिग-2022 को स्थगित किया गया है। मुख्य संयोजक टीएस मनराल ने कहा कि मेले में भीड़ होने की स्थिति में संक्रमण के फैलाव होने की संभावना थी। 

बैठक में संयोजक केएन चंदोला, संरक्षक डीडी नरियाल, एनके उपाध्याय, सलाहकार रमेश चन्द्र पाण्डे, जेपी डिमरी, पीसी पन्त, हरीश काण्डपाल, उपाध्यक्ष मोहन सिंह मोना, महेन्द्र पन्त, बिशन दत्त जोशी, जीडी भट्ट, केएन पाण्डेय, भाष्कर काण्डपाल, नरेन्द्र सिंह देवड़ी, गोविन्द पाठक, रमेश उपाध्याय, केएन पाठक, महेन्द्र सिंह मेहता, गोविन्द सिंह बोरा, ख्याली सिंह कड़ाकोटी, शंकर पाण्डेय, आनन्द सिंह भण्डारी, पूरन जोशी, भुवन पाण्डेय, वीके जोशी, मुकेश जोशी, प्रकाश पाण्डेय, गंगा भट्ट, मंजू शर्मा पडेलिया, माया भट्ट समेत अन्य लोग उपस्थित थे।  

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