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शिष्यों ने बिरजू महाराज को अर्पित की श्रद्धांजलि

लखनऊ। पद्मविभूषण पंडित बिरजू महाराज के आकस्मिक निधन से नृत्य, संगीत जगत में शोक व्याप्त है। देश विदेश सभी जगह से लोग अपने श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे है। लखनऊ जहां से कथक की परम्परागत पीढी को आगे बढ़ाते हुए कथक का परचम विदेशों में लहराया ऐसे पद्मविभूषण पंडित बिरजू महाराज की गुईन रोड स्थित ड्योढी पर कथक नृत्य महाराज को शिष्य शिष्याओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए गये।

महाराज जी की बहन मुन्नी देवी ने कहाकि भाई का जाना दुखद है, नृत्य का नुकसान है। लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने कहाकि कथक को जिस ऊंचाइयों पर पहुंचाया यह  दृढ़संकल्प उन्ही के द्वारा साध्य था। प्रो. दीक्षित भातखंडे ने कहाकि ड्योढी पर उनके साथ बहुत समय बिताया, यकीन करना मुश्किल लग रहा। कथक गुरू सुरभि सिंह ने मुझसे वादा किया था कि लखनऊ में ड्योढी के साथ-साथ कथक सिखाने की परम्परा को और बढ़ाना है। अब सब ठहर गया है।

प्रो. रूचि खरे ने कहाकि गुरू जी से बहुत कुछ सीखा है और सीखना था लेकिन सब ठहर गया। ईशा मिशा ने कहाकि अभी तीन हफ्ते पहले ही दिल्ली स्थित घर पर मिले थे तो खूब गले लगाकर प्यार और दुलार किया, हमारा नृत्य भी देखा। बसंत पंचमी अपने जन्मदिन पर एक अच्छा नृत्य करने को कहा। अब उनके साथ के बिना करना कैसे होगा। अर्चना तिवारी, डा. रश्मि  चतुर्वेदी, अंकिता मिश्रा, एकता मिश्रा, विकास मिश्रा, मंजू मलकानी, अलपिका संस्था (जो लखनऊ में महाराज जी के कार्यक्रम कराती रही) की डायरेक्टर उमा त्रिगुणानायक, अध्यक्ष रेनू शर्मा सहित अनेको शिष्य ही नही जन सामान्य नागरिक भी श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए उपस्थित रहे।

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