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परीक्षा से नहीं प्रतीक्षा से मिलते हैं परमात्मा : आचार्य शान्तनु

लखनऊ। भगवान को पाने के लिए बस उन्हें पुकारो और प्रतीक्षा करो। मैया शबरी, अहिल्या ने पूरे जीवन भगवान की प्रतिक्षा की और अंततः भगवान उनके पास स्वयं जाकर उनको दर्शन दिए है। महानगर रामलीला मैदान में चल रहे श्रीराम कथा के सप्तम दिवस सोमवार को कथा व्यास शान्तनु जी महाराज ने कहा कि हम सब की यही स्थिति होनी चाहिए कि भगवान के लिए मन में ललक ,प्यास होनी चाहिए। इसीलिए भगवान जब भारद्वाज मुनि के पास गए तो उन्होंने यही कहा कि आज उनके सम्पूर्ण मनोरथ पूर्ण हो गए।

गुरु महिमा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि जिसका कोई गुरु नही उसका जीवन शुरू नही, और गोस्वामी जी ने सम्पूर्ण मानस में समय समय पर गुरु महिमा का बखान किया है। हनुमान जी की महिमा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि मनुष्य को कम से कम एक दिन हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए। हनुमान जी बहुत कुछ कर सकते हैं पर श्रेय नहीं लेते हैं। 

उन्होंने बताया कि परमात्मा परीक्षा से नहीं मिलते, प्रतीक्षा से मिलते हैं। आप सभी पूरे देश में भगवान के दर्शन के लिए दूर दूर जाते हैं, और भगवान के दर्शन करते हैं, बहुत अच्छी बात है। लेकिन अपने गांव के, घर के, गली के,  मोहल्ले के  छोटे मंदिरों में भी भगवान के दर्शन के लिए जरूर जाना चाहिए। भगवान सर्वत्र है। आपको परमात्मा से संबंध बनाना होगा, जब आप परमात्मा से संबंध बनाएंगे तभी परमात्मा आप से संबंध बनाता है।

चित्रकूट की लीला का बहुत ही सुंदर व मार्मिक वर्णन किया गया एवं दसरथ जी के मार्मिक महाप्रयाण का महाराज जी ने दर्शन कराया।आज की यजमान रीना श्रीवास्तव व रजनी श्रीवास्तव थी। बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह मौजूद रहे। देवी प्रकाश मिश्रा, शरद सिंह, विक्रांत सिंह, कर्नल हुकुम सिंह बिष्ट, डॉ शरद गुप्ता, नरेंद्र देवड़ी, मनोज वर्मा, राजेश सिंह 'पप्पू', ओंकार शंखधर 'जूनियर', मोनी मिश्रा, अनुपम सिंह भंडारी, शैल वर्मा, रवि काचरू, श्याम प्यारे, श्रुति सिंह, शान्तनु सिंह, गरिमा सिंह, राम रतन मौर्य, विजय सक्सेना आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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