Pages

मकर संक्रान्ति पर संगीतमय सुन्दरकांड पाठ संग हुआ "एक सूरज एक सफर" का विमोचन

सम्पत्ति नहीं अर्जित प्रेम है महत्वपूर्ण : डा.शम्भुनाथ 

लखनऊ। सूर्य के उत्तरायणी होते ही आज दोपहर गोस्वामी तुलसीदास रचित मानस के सुंदरकाण्ड के मधुर स्वर इंदिरानगर स्थित होटल बेबियन के हाल में गूंजन लगे। मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर सुन्दरकांड पाठ का आयोजन यहां होटल के निदेशक जातिरत्न उपाधि से अलंकृत कमलकृष्ण मेहरोत्रा की ओर से कराया गया। भक्तिमय माहौल में इस पुनीत अवसर पर रचनाकार प्रेमनारायण मेहरोत्रा की जीवनगाथा पर आधारित मनोरमा श्रीवास्तव की लिखी पुस्तक ‘एक सूरज एक सफर’ का विमोचन पूर्व मुख्य सचिव डा. शम्भुनाथ ने किया।

भजन गायक शशांक सागर और साथियों के सुन्दरकाण्ड पाठ के उपरांत देवेन्द्र मोदी के संचालन व कमलकृष्ण मेहरोत्रा की अध्यक्षता में चले समारोह में मुख्य अतिथि डा. शम्भुनाथ ने कहा कि पुस्तक की संघर्षमय प्रेरक जीवन कथा प्रेरणा देती है कि अनेक विसंगतियों से दूर समुदाय में रचनात्मक जीवन कैसे जिया जा सकता है। पुस्तक पढ़कर यह जाना जा सकता है कि किस प्रकार उन्होंने अपने को चुनौतीपूर्ण हालात से निकाला और किस प्रकार नवसृजन किया। उन्होंने कहा कि किसी का मूल्यांकन इस बात पर नहीं होना चाहिए कि उसने कितनी संपत्ति अर्जित की, बल्कि इस बात पर हो कि सांसारिक जीवन जीते हुए व्यक्ति ने लोगों के बीच रहकर कितना साथ और प्रेम अर्जित किया है।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के तौर पर प्रो. डा. उषा सिन्हा ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि पुस्तक कोई कल्पना नहीं, यथार्थ का संघर्षमय जीवन है जो हर पढ़ने वाले के लिए सबक साबित होगा। इस अवसर पर पुस्तक के व्यक्तित्व प्रेम नारायण ने कहा कि अपनी गाथा को पुस्तक रूप में लाने की प्रेरणा उन्हें डा. शम्भुनाथ से मिली और उसे आकार देने में लेखिका मनोरमा श्रीवास्तव ने सूक्ष्म बातों को भी विधिवत सहेजा है। इस अवसर पर जगदीश नारायण मेहरोत्रा सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ