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स्‍त्री शिक्षा को शक्ति प्रदान करती है नई शिक्षा नीति - प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल

‘नई शिक्षा नीति 2020 के आलोक में स्त्री शिक्षा की नवीन संभावनाएं’ विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार

हिंदी विश्वविद्यालय के स्त्री अध्ययन विभाग का आयोजन

वर्धा। नई शिक्षा नीति 2020 स्‍त्री शिक्षा को शक्ति प्रदान करती है। शिक्षित मनुष्‍य बनाना इस नीति का उद्देश्‍य है। सभी अभिकल्‍प को सामने रखते हुए क्षमताओं का उपयोग करने की दिशा में यह नीति प्रभावकारी सिद्ध हो सकती है। यह विचार महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने व्‍यक्‍त किये। वे विश्‍वविद्यालय के स्‍त्री अध्‍ययन विभाग की ओर से शुक्रवार, 21 जनवरी को नई शिक्षा नीति 2020 के आलोक में स्त्री शिक्षा की नवीन संभावनाएं विषय पर आयोजित राष्‍ट्रीय वेबिनार में कार्यक्रम की अध्‍यक्षता करते हुए संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बी.पी.एस. महिला विश्‍वविद्यालय खानपुर कलां, हरियाणा की पूर्व कुलपति प्रो. सुषमा यादव, विशिष्ट वक्ता के रूप में एन.सी. डब्‍ल्‍यू.ई.बी. नई दिल्‍ली की निदेशक डॉ. गीता भट्ट, शहीद राजगुरु कॉलेज ऑफ एप्‍लाइड साइंसेज फॉर वीमेन, दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय की प्रधानाचार्या प्रो. पायल मागो तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्‍ययन विश्‍वविद्यालय, भोपाल की कुलपति प्रो. नीरजा गुप्ता उपस्थित थीं।

अपने अध्‍यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. शुक्‍ल ने कहा कि नई शिक्षा नीति में स्‍त्री शिक्षा की दृष्टि से अनेक संभावनाओं का प्रावधान किया गया है। उन्‍होंने कहा कि महिलाओं को पढ़ने और आगे बढ़ने के लिए बराबरी का अधिकार मिलना चाहिए। इसके संबंध में नई शिक्षा नीति में एके‍डेमिक बैंक क्रेडिट के साथ-साथ अपनी रूचि के हिसाब से विषय का चुनाव करने की बृहत्‍तर स्‍वतंत्रता इस नीति की में दी गयी है। पारिवारिक या सामाजिक कारणों से पढ़ाई को बीच में छोड़ने वाली महिलाएं इस नीति के कारण अपनी पढ़ाई आगे जारी रख सकती है और इस नीति के अंतर्गत जीवन पर्यंत शिक्षा प्राप्‍त करने का लाभ लिया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि इस नीति में देश, समाज, परिवार और स्‍वयं के हित में किये गये प्रावधानों के कारण यह नीति समतामूलक और विभेद को समाप्‍त करने की दृष्टि प्रदान करती है।

विशिष्‍ट अतिथि प्रो. नीरजा गुप्‍ता ने कहा कि नई शिक्षा नीति में राष्‍ट्र, समाज, संस्‍कार, भाषा और संस्‍कृति आदि का विचार किया गया है। उन्‍होंने कहा कि इस नीति में महिलाओं को सक्षम और योग्‍य बनाने और आगे बढ़ने की अनेक संभावनाएं हैं। विशिष्‍ट वक्‍ता डॉ. गीता भट्ट ने कहा कि यह नीति अकादमिक जगत में नई ऊर्जा का संचार करती है तथा महिलाओं को अपनी शिक्षा पूरी करने का अवसर प्रदान करती है। विभिन्‍न सर्वक्षणों और आंकडों का हवाला देते हुए उन्‍होंने कहा कि उच्‍च शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। प्रो. पायल मागो ने कहा कि नई शिक्षा नीति में सभी को शिक्षा पर बल दिया गया है और महिलाओं के सम्‍मान का   ध्‍यान रखा गया है।

मुख्‍य अतिथि प्रो. सुषमा यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति महिलाओं की शिक्षा के लिए अनेक अवसर प्रदान करती है। यह नीति कस्‍तूरबा बालिका विद्यालय और नवोदय विद्यालय शुरू करने जैसे प्रावधानों के कारण महिलाओं को पढ़ने का अवसर देती है। उन्‍होंने कहा‍ कि महिलाओं की शिक्षा के लिए सरकार और शिक्षा संस्‍थाओं को सुविधापूर्ण वातावरण बनाना चाहिए। कार्यक्रम का स्वागत वक्तव्य एवं विषय प्रवर्तन स्‍त्री अध्‍ययन विभाग की अध्‍यक्ष डॉ. सुप्रिया पाठक ने किया। संचालन डॉ. आशा मिश्रा ने किया तथा धन्यवाद सहायक प्रोफेसर श्री शरद जायसवाल ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम में अध्‍यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्‍या में जुड़े थे।

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