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सिडबी : लघु वित्त बैंकों की मदद के लिए 650 करोड़ का निवेश

लखनऊ। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के प्रचार, वित्तपोषण और विकास में संलग्न प्रमुख वित्तीय संस्थान, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने दो लघु वित्त बैंकों एयू एसएफबी और जन एसएफबी को 650 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मंजूर की है। जिससे इन लघु वित्त बैंकों के माध्यम से छोटे आकार की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), माइक्रो फाइनेंस संस्थानों (एमएफआई) तक पहुंचा जा सके। जो आगे छोटे व्यवसायों और सूक्ष्म उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।

देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में अपेक्षाकृत छोटे एनबीएफसी और एमएफआई की भूमिका, जो आमतौर पर दूरस्थ भौगोलिक क्षेत्रों (ऋण की कमी वाले, पिछड़े और आकांक्षी जिलों सहित) में काम करती हैं, की भूमिका अच्छी तरह से स्थापित है। वे आम तौर पर अनौपचारिक एमएसएमई क्षेत्र के आंतरिक क्षेत्रों में स्थित 'नेक्स्ट-डोर' उपस्थिति के अद्वितीय लाभ और वर्षों से (बैंकों और बड़ी एनबीएफसी की तुलना में) ग्राहकों के बारे में संचित जानकारी के कारण विशेष रूप से ऋण व्यवसायों के लिए नए, छोटे खुदरा व्यापार, सूक्ष्म ऋण और अन्य छोटे घरेलू व्यवसाय, आदि को ऋण सुविधा उपलब्ध करवाते हैं।  

कोविड -19 महामारी ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के व्यवसायों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। जिससे इन छोटे व्यवसायों और सूक्ष्म उद्यमों की आय सृजन गतिविधियों में मंदी आई है। इसने एनबीएफसी और एमएफआई की वसूली और तरलता की स्थिति पर और प्रतिकूल प्रभाव डाला है। छोटे एनबीएफसी/एमएफआई, विशेष रूप से, हमेशा पर्याप्त संस्थागत वित्त पोषण तक पहुंचने में चुनौतियों का सामना करते हैं। 

इस दोहरे मध्यस्थता उपाय के माध्यम से दी जा रही सहायता के बारे में बात करते हुए सिव सुब्रमणियन रमण (अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, सिडबी) ने कहा, “इस कदम से 40 से अधिक छोटे आकार के एनबीएफसी, एमएफआई संस्थाओं को जो अपने व्यवसाय के लिए संसाधन जुटाने में कठिनाई महसूस कर रही थी, उन्हें इससे लाभ मिलेगा।

इन लघु वित्त बैंकों को 530 करोड़ रुपये की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है। मौजूदा कोविड -19 महामारी की स्थिति के कारण एमएसएमई के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सिडबी को स्वीकृत 16000 करोड़ की विशेष तरलता सुविधा में से यह वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।

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