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यूपी महोत्सव : गर्म कपड़े हो या घरेलू आइटम, मिल रहा जरुरत का हर समान

लखनऊ। गर्म कपड़े हो, कंबल हो या सहारनपुर के फर्नीचर व भदोही की कालीन। प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के तत्वावधान में पोस्टल ग्राउंड अलीगंज में चल रहे 14वें यूपी महोत्सव में जरूरत का हर समान मौजूद है। सबसे ज्यादा जरूरत घरेलू समान की होती है। इसके लिये यहां पर लगे स्टालो पर चाय की केतली, गिलास, कप- प्लेट, चौका-बेलन, कड़ाही, थाली जैसी अन्य घरेलू चीजें उप्लब्ध हैं। 
बेहतर स्वास्थ्य के लिए यहां पर मिट्टी से बने बर्तन कड़ाही, कुकर, गिलास, कटोरी, भगोने जैसे अन्य बर्तन उपलब्ध हैं। जो ग्रामीण परिवेश की यादें भी ताजा कर रहे हैं। जिसमें बने भोजन से न केवल उत्तम  स्वाद मिलता है बल्कि स्वास्थ भी ठीक रहता है।

महोत्सव में जहां एक ओर खुर्जा की क्राकरी कप, प्लेट, केतली, फ्लावर पॉट जैसे आयटम उपलब्ध हैं वहीं दूसरी ओर सहारनपुर के फर्नीचर कुर्सी-मेज, फोटो फ्रेम, फ्लावर पॉट आकर्षण का केंद्र बिन्दु बने हैं। कश्मीर से आए स्टाल धारको के यहां काजू, किशमिश, बादाम, खुबानी, ऊनी रेशमी रेडिमेड वस्त्र, कम्बल, स्वेटर और कोट भी लोगों को खूब भा रहा है। महोत्सव में तमिलनाडु की टेराकोटा से बनी मूर्तियां, डेकोरेटीव आयटम लोगो को लुभा रहे हैं। 

इसके अलावा यहां पर महिलाओं के लिये साड़ियाँ, सूट, कॉस्मेटिक का समान, स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित अचार, पापड़ और मसाले के साथ राजस्थानी, गुजराती, साउथ इंडियन स्वादिष्ट व्यंजन और विभिन्न प्रकार के झूले बच्चों और युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं। 

मॉडलों ने बिखेरी लखनवी परिधानों की मोहक छटा

14वें यूपी महोत्सव की सत्रहवीं सांस्कृतिक सन्ध्या में रविवार को मॉडलों ने लखनवी परिधानों की मोहक छटा बिखेरी। हजारों वाट के म्यूज़िक सिस्टम और तेज जलती बुझती इंद्रधनुषी लाईटो से नहाई खुशनुमा शाम में जब रीतिका गुप्ता और निखिल कुमार की कोरियोग्राफी में काजल, कोमल, स्नेहा, अलीशा, रुबल, प्रियांशु, दिव्या, शीतल, शैलेन्द्र, पलक, बिन्नी, अदिती ने लखनवी तहजीब वाले वस्त्रों लहंगा-चोली, शरारा को रैम्प पर कैटवाक करते हुए दिलकश रूप में प्रदर्शित किया तो सांस्कृतिक पंडाल करतल ध्वनि से गूंज उठा।

इसी क्रम में तब्बसुम खान की कोरियोग्राफी में शहिस्ता बानो, अनीता सिंह, शबिना, सौम्या सिंह, जफर आलम, फैजल मिर्जा, सरवर आलम और शारूख आलम ने गरारा-लहंगा, कुर्ता-पायजमा, अचकन को प्रदर्शित कर लोगों का मन मोहा। हृदय को हर्षातिरेक से भर देने वाली इस पेशकश के उपरान्त अनामिका बाजपेयी, वंशिका सोनी, उन्नति दीक्षित, प्रिया गुप्ता, शालू सिंह, आरती थारु, शालू दिव्या, सौरभ, प्रमोद, सर्वेश, माज और प्रदीप ने साड़ी, शरारा, गरारा, कुर्ता-पायजामा को प्रदर्शित किया।

कार्यक्रम के आकर्षण का केंद्र बिंदु बन कर उभरा अरविंद सक्सेना का रियल ऐक्शन हॉरर ड्रामा। उन्होने अपने एक्ट में जंगल के पशुओं को बचाने के साथ पौधा लगाने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा श्रुति गुप्ता ने लोक नृत्य की मोहक छटा बिखेरी।

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