लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा)। आम जनता हो, व्यापारी हो या सरकारी व निजी कर्मचारी। राजधानी में चौथे चरण में 23 फरवरी को होने वाले मतदान में सभी की भूमिका अहम होगी। ऐसे में राजनीतिक दलों के शीर्ष नेतृत्व व कार्यकर्ताओं के साथ ही प्रत्याशी भी सभी वर्गों में अपनी पैठ बनाने में जुटे है। इन दिनों चुनाव प्रचार पीक पर है और गली मोहल्लों के साथ ही बाजारों में भी इसका असर दिख रहा हैं। बैठकों, जनसंपर्क व पदयात्रा के माध्यम से प्रत्याशी हर जगह दस्तक देकर अपनी जीत सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वहीं व्यापारिक संगठनों व व्यापारी नेताओं में भी चुनाव प्रचार के माध्यम से अपना वर्चस्व दिखाने की होड़ मची है।
बीते कुछ वर्षों में व्यापारिक संगठनों की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है। हाल यह है कि दूसरे व्यापारिक संगठनों में रहकर क्षेत्रीय स्तर पर व्यापारी राजनीति करने वाले कई नेताओं ने अपना नया संगठन बना लिया है। यही नहीं एक ही इलाके में प्रदेश स्तर के कई संगठन बन गए है। जिससे व्यापारियों में भी इस बात को लेकर असमंजस है कि वह किस संगठन का साथ दे और मुसीबत के समय कौन संगठन उनका साथ देगा। वहीं हर संगठन व्यापारियों के बीच अपनी पैठ बनाने की पूरी कोशिश कर रहा है। ऐसे में हर व्यापारी नेता उन प्रत्याशियों के सामने अपना वर्चस्व दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है जिसको वह समर्थन दे रहें हैं। यही नहीं जनसंपर्क व पदयात्रा के दौरान वह व्यापारियों के सामने अपना वर्चस्व कायम करने की पूरी कोशिश कर रहे है। ऐसे में एक ही कार्यक्रम में कई संगठनों के व्यापारी नेताओं की मौजूदगी से वर्चस्व दिखाने की होड़ मच जाती है।
0 टिप्पणियाँ