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लोगों को लुभा रही है हजरतगंज मेट्रो स्टेशन पर सजी हस्तशिल्प उत्पादों की प्रदर्शनी

यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने किया उद्घाटन 

लखनऊ। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के हस्तशिल्प उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन हजरतगंज मेट्रो स्टेशन पर 14 से 17 मार्च तक चार दिवसीय हस्तशिल्प उत्पादों की प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है। प्रदर्शनी का औपचारिक उद्घाटन यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने किया। इस दौरान ब्रिटिश उच्चायोग के राजनीतिक एवं दिपक्षीय मामलों के प्रमुख रिचर्ड बार्लो के साथ उच्चायोग की सलाहकार भावना विज एवं स्वयं सहायता समूह स्वंय की परियोजना प्रमुख शिरीन अब्बास भी उपस्थित रहीं।  
हस्तशिल्प प्रदर्शनी में लगे उत्पादों का कुमार केशव एवं श्री बार्लो ने जायजा लिया एवं एसएचजी समूहों की महिलाओं द्वारा प्रदर्शित उत्पादों का अवलोकन किया। बार्लो ने एसएचजी महिलाओं द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और लखनऊ और उसके आसपास स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए स्वयं एवं उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रयासों की सराहना की। श्री बार्लो ने लखनऊ मेट्रो के स्टेशन के साथ ट्रेन का भी जायजा लिया। उन्होंने इस पूरी परियोजना के बारे में भी जाना। वह लखनऊ मेट्रो की यात्री सुविधाओं से बेहद प्रभावित दिखे और विशेषकर महिला सुरक्षा के उपायों की सराहना की।

हस्तशिल्प प्रदर्शनी में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा जूट, गैर- प्रदूषण कारी सुगंध मोमबत्तियां, हर्बल गुलाल, होली विशिष्ट उत्पाद, सजावटी उत्पाद, आभूषण, मसाले, आचार, चटनी और कैंसर पीड़ितों की माताओं द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प उत्पाद प्रदर्शित कर बिक्री हेतु रखे गए हैं। 
इस अवसर पर कुमार केशव ने कहा कि “उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन हमेशा से ही कला, साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक जिम्मेदार परिवहन प्रणाली के रूप में अपना योगदान देता रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन मेट्रो परिवहन को और जीवंत बनाते हैं। एक्शन एड (यूपी) के साथ साझेदारी में ब्रिटिश काउंसिल शेवनिंग एलुमनाई शिरीन अब्बास द्वारा संचालित इस परियोजना ने स्वयं सहायता समूहों के बीच स्थायी उद्यमिता प्रयासों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अतीत में यूपीआरएमसी के पास विभिन्न स्वयं सहायता समूहों का समर्थन करने की विरासत रही है और हमने हमेशा ऐसे लोगों को मंच प्रदान किया है। हम साथ ही भविष्य में ब्रिटिश उच्चायोग के साथ मिलकर स्वयं सहायता समूहों के उद्यमिता कौशल को बढ़ावा देने के लिए काम करना चाहते हैं”।

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