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शीलू श्रीवास्तव के अवधी गीतों संग नृत्य के नाम रही चैती महोत्सव की पांचवीं शाम

लखनऊ। श्रीराम लीला मैदान में चल रहे भारतीय नववर्ष मेला व चैती महोत्सव 2022 की पांचवीं सांस्कृतिक संध्या में अवधी लोकगीत व नृत्य संग ध्रुव चरित नाटक ने मंत्रमुग्ध किया। चैती महोत्सव 2022 की पांचवी सांस्कृतिक सन्ध्या का उद्रघाटन बतौर मुख्य अतिथि मौजूद लखनऊ उत्तर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डा. नीरज बोरा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर श्रीरामलीला समिति के अध्यक्ष हरीश चन्द्र अग्रवाल, सचिव पं. आदित्य द्विवेदी और मयंक रंजन ने उपासना श्रीवास्तव को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र, राम चरित मानस और स्मृति चिन्ह भेंटकर सन्त तुलसी सम्मान से सम्मानित किया।

संगीत से सजे कार्यकाम का शुभारम्भ शीलू श्रीवास्तव ने "जन्मे अवध में राम मंगल गाओ री..." अवधी गीत से किया। शीलू ने अपनी खनकती हुई आवाज में "चैती चैत माद बोले रे कोयलिया...", "नईहर से केहू नाही अइले..." और सूफी गीत "दमादम मस्त कलंदर..." को सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उपासना श्रीवास्तव के नृत्य निर्देशन में चारु पान्डेय, मानसी गिरि, संस्कृति साहू, सोनल मिश्रा, इशिका मिश्रा, अनन्या वर्मा, ईशनि, रिद्धि ने भवानी दयानी पर भावपूर्ण नृत्य के साथ ही उपज, थाट, आमद, परन, टुकड़े, तिहाई आदि को प्रस्तुत कर दर्शको को कथक नृत्य के शास्त्रीय पक्ष से अवगत कराया।
भास्कर नाट्य कला मंदिर कोलकाता के कलाकारों ने ध्रुव चरित नाटक का मंचन कर लोगों में भगवान विष्णु की भक्ति का सूत्रपात किया। इस नाटक में यह दिखाया गया कि कैसे ब्रह्मा जी ने सृष्टि की उत्पत्ति की। नाटक के जरिए यह बताया गया कि सर्वप्रथम भगवान ब्रह्मा ने मनु और शतरूपा दो लोगों की उत्पत्ति की, मनु से पुरुष का जन्म हुआ और शतरूपा से स्त्री का जन्म हुआ। इन दोनों को अवतरित करते हुए ब्रह्मा जी ने कहाकि अब आप लोग सृष्टि को आगे बढ़ाइए, जिसके फलस्वरूप महाराजा उत्थानपात का जन्म हुआ। जिनके दो रानियां थी, बड़ी रानी, छोटी रानी के पुत्र ध्रुव को अपनी पिता की गोद में कभी भी बैठने देती थी। इस कारण वह हमेशा अपनी मां से कहता था, कैसे मैं अपने पिता की गोद में बैठूं, जिस पर उसकी मां ने कहाकि आप भगवान विष्णु की आराधना करिए। इस नाटक का मंचन शुभ त्रिवेदी, नेहा राजवंशी, अभिषेक मिश्रा, भास्कर बोस, अपर्णा चक्रवर्ती, प्रिंस विश्वास और आराध्या ने किया। नाटक की परिकल्पना भास्कर बोस ने की।
डीएवी पब्लिक इन्टर कालेज के स्टूडेंट्स अंकिता शर्मा, सत्या सिंह, प्रज्ञा पाठक, अनुज चौधरी, शुभ श्रीवास्तव और शुभांगी श्रीवास्तव ने हितेन्द्र कुमार के नृत्य निर्देशन मे रंगीलो मारो ढोलना पर आकर्षक राजस्थानी नृत्य की सुरभि बिखेरी। मंजू सिंह के नृत्य निर्देशन में स्वरत्मिका ग्रुप के कलाकारो छवि ने गुरूवन्दना, श्री निधि ने पुष्पांजलि, सुरभि, छवि और आरुषी ने श्रीराम एवं नाव्या वार्ष्णेय ने राम भजन पर उत्कृष्ट प्रस्तुति दी। मुम्बई महाराष्ट्र की श्रद्धा सतविडकर के नृत्य निर्देशन में शिवंया माण्डवकर के गाए मराठी गीतों पर चैतन्य पाटिल, पल्लवी पाटिल, निभा झेम्से, अक्षय मालवलकर, पूजा चौधरी और तेजस्वी वाडेकर ने लावणी नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी।

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