Pages

"दशरथ के हुए हैं ललनवा चैत्र रामनवमी के दिनवा..."

लखनऊ। सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था वाईब्रेंट फोक आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी के तत्वावधान में बुधवार शाम बौद्ध शोध संस्थान प्रेक्षागृह गोमती नगर में आयोजित श्रीराम शीर्षक से अभीहित कार्यक्रम में अवधी लोकगीतों की बयार बही।कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि मौजूद प्रदेश के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और जयवीर सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। जयवीर सिंह ने कहाकि बाहरी लोग भी भारतीय संस्कृति को अपना रहें हैं। आज की पीढ़ी भी अपनी परम्पराओं से जुड़े।

लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहाकि संगीत नृत्य भारतीय संस्कृति की देन है। सबसे पहले भगवान शंकर ने नृत्य किया था। मुख्य अतिथियों ने लोक गायन कार्यशाला के प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका उत्साहवर्द्धन किया। इस अवसर पर वन्दना मिश्रा ने लक्ष्मी नारायण चौधरी और जयवीर सिंह को पुष्प गुच्छ और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।
संगीत से सजे कार्यक्रम का आरंभ गायिका वंदना मिश्रा ने बधाई गीत "घर-घर बाजत बधइयां..." को प्रस्तुत किया तो श्रोता मंत्रमुग्ध हो झूम उठे। उन्होने "जन्मे अवध में रघुराई कौशल्या मैया दे दो बधाई...", "कगनवा हे रानी लेबे तोर...", "दशरथ के हुए हैं ललनवा चैत्र रामनवमी के दिनवा..." एवं "झुक जाओ तनिक रघुवीर सिया मोरी छोटी हैं..." जैसे अवधी लोकगीतों को सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। वन्दना मिश्रा के साथ कोरस पर प्रीति सिंह, अंजलि कंठवाल और प्रियंवदा पांडे ने अपना सहयोग दिया। स्वरा त्रिपाठी ने अपने नृत्य के जरिए भगवान श्रीगणेश का आवाहन किया।

मन को मोह लेने वाली इस प्रस्तुति के उपरांत हनु जायसवाल, सत्यम सिंह, अंशिका मिश्रा, वात्सल्य शर्मा, कार्तिकेय मिश्रा, सिक्षिता जायसवाल ने "यूपी में फिर से हम भगवा लहराएंगे..." गीत पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को भगवा रंग में रंग दिया। कार्यक्रम में धर्मेंद्र दीक्षित और शिवा सोनी ने भजनों की सरिता प्रवाहित की। वहीं पर्णिका श्रीवास्तव ने श्रीराम चन्द्र कृपाल भजमन पर नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। इस अवसर पर डॉ. विक्रम सिंह, सुचिता चतुर्वेदी, कुमुद श्रीवास्तव, गीता श्रीवास्तव सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ