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देश के इन राज्यों में क्षय उन्मूलन में अहम भूमिका निभायेगें डा. सूर्यकान्त

डा. सूर्यकान्त बने राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के नॉर्थ जोन टास्क फोर्स के अध्यक्ष

लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष  प्रोफेसर सूर्यकान्त को राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जोनल टास्क फोर्स (नॉर्थ जोन) के अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। जोनल टास्क फोर्स के नॉर्थ जोन में लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, चंड़ीगढ़, उत्तराखण्ड तथा उत्तर प्रदेश शामिल हैं। जोनल टास्क फोर्स (नॉर्थ जोन) के अन्तर्गत छह प्रदेश और तीन केन्द्र शासित प्रदेश मिलाकर कुल नौ हैं। डा. सूर्यकान्त भारत के एक चौथाई भू भाग पर ट्यूबरक्लोसिस के उन्मूलन में अहम भूमिका निभायेगें। ज्ञात रहे कि डा. सूर्यकान्त उप्र स्टेट टास्क फोर्स (क्षय उन्मूलन) के चेयरमैन हैं एवं विगत कई वर्षों से टी.बी. उन्मूलन में प्रदेश के साथ साथ देश में नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के वर्ष 2025 तक टी.बी. मुक्त भारत बनाने के सपने को साकार करने में भी वो अपना योगदान दे रहें हैं। डा. सूर्यकान्त के नेतृत्व में रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग ने एक गांव, एक मलिन बस्ती तथा 100 से अधिक टी.बी. ग्रसित बच्चे गोद लिए गये हैं। इन टी.बी. से ग्रसित बच्चों की पूरी देखभाल की जाती है। 

डा. सूर्यकान्त केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में 17 वर्ष से प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं एवं 10 वर्ष से विभागाध्यक्ष के पद सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा वह चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 19 किताबें भी लिख चुके हैं तथा एलर्जी, अस्थमा, टी.बी. एवं कैंसर के क्षेत्र में उनके अब तक लगभग 700 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं । इसके साथ ही दो अंतर्राष्ट्रीय पेटेन्ट का भी उनके नाम श्रेय जाता है। लगभग 200 एमडी/पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन, 50 से अधिक शोध परियोजनाओं का निर्देशन, 19 फैलोशिप, 12 ओरेशन एवार्ड का भी श्रेय उन्हें जाता है। उन्हें अब तक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा 157 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। डा. सूर्यकान्त कोविड टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के ब्रांड एंबेसडर भी हैं। 

इसके साथ ही चेस्ट रोगों के विशेषज्ञों की राष्ट्रीय संस्थाओं इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, इण्डियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एण्ड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी एवं नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन (एनसीसीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके साथ ही इण्डियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के मेडिकल साइंस प्रभाग के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके है। डा. सूर्यकान्त आईएमए, लखनऊ के अध्यक्ष एवं उप्र आईएमए एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेशलिटीज के चेयरमैन रह चुके है एवं वर्तमान में आईएमए-एएमएस के राष्ट्रीय वायस चेयरमेन है। वह  पिछले 25 वर्षों से अधिक समय से अपने लेखों व वार्ताओ एवं टी.वी. व रेडियों के माध्यम से लोगो में टी.बी की बीमारी से बचाव व उपचार के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं एवं इस महामारी काल में जनमानस को कोरोना जैसी घातक बीमारी के बारे में इलेक्ट्रानिक/प्रिंट/सोशल मीडिया के द्वारा जागरूक करते रहे हैं।

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