Pages

मृगनयनी हस्तशिल्प एवं हथकरघा प्रदर्शनी : आकर्षण का केंद्र होंगी चंदेरी व महेश्वरी साड़ियां

लखनऊ। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय मृगनयनी हस्तशिल्प एवं हथकरघा प्रदर्शनी 2022 का आयोजन मध्य प्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम भोपाल द्वारा 23 मई से 05 जून तक ललित कला अकादमी अलीगंज में आयोजित किया जा रहा है। जिसमें लगभग 35 से 40 शिल्पकार अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन सह विपणन करेगे। प्रदर्शनी का औपचारिक शुभारंभ 25 मई कोलघु सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग, उप्र के विशेष सचिव डॉ. प्रदीप कुमार (IAS) व डॉ. देवेन्द्र कुमार त्रिपाठी करेंगे। 

प्रदर्शनी के प्रबंधक एमएल शर्मा व मार्केटिंग मैनेजर देवेंद्र वर्मा ने बताया कि चार वर्षों के पश्चात यह आयोजन लखनऊ में किया जा रहा है। एक जिला एक उत्पाद अवधारणा अंतर्गत कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग से संयोजित भोपाल की जरी जरदोजी एवं जुट सीहोर बुदनी के लेकरवेयर खिलौने, अशोक नगर चंदेरी वस्त्र, महेश्वरी धार की बाग प्रिंट और उज्जैन के बटिक प्रिंट की सामग्री इस प्रदर्शनी में उपलब्ध रहेगी। 


उन्होंने बताया कि 14 दिवसीय प्रदर्शनी में अनुभा श्रीवास्तव (आयुक्त हथकरघा और हस्तशिल्प निगम) भी शामिल होंगी। निगम द्वारा श्रृंखला में विश्व धरोहर चंदेरी एवं महेश्वरी की साड़ियों पर सांची एवं खजुराहो के मंदिरों के प्रतिकृतियों को बुनाई के माध्यम से दर्शाया गया है। रेशम किनार, चन्देरी मसलिन कॉटन साडियाँ देवी अहिल्ला बाई होल्कर नगरी की महेश्वर साड़ियां, मध्य प्रदेश का विशेष बाग प्रिंट (जिसे 12 जड़ी बूटियों से प्रिंट किया गया है) आकर्षण का केंद्र होगा। टीकमगढ़ की पंच धातु बेल मेटल की मूर्तियाँ, रॉट आयरन की कलाकृतियाँ, शिफान मलबरी और कोसा एवं इंडिगो प्रिंट की साड़ियां व मटेरियल और मृगनयनी मप्र के अन्य मनभावन हस्तशिल्प प्रदर्शन सह विपणन होगे। धरोहर को संरक्षित रखते हुए नविन प्रयोग और नवाचार से तैयार विविध उत्पाद संग्रह करने का यह उत्तम अवसर हैं।

होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम

प्रदर्शनी में एक ओर जहां चंदेरी व महेश्वरी साड़ियां लोगों को लुभाएंगी वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन सांय 6 से 8 बजे तक किया जाएगा। जिसमें विभिन्न प्रांतों के कलाकार अपने राज्य की संस्कृति को प्रस्तुत करेंगे।
प्रदर्शनी के प्रबंधक एमएल शर्मा ने बताया कि एक समय शाही परिवारों में सीमित रहने वाली महेश्वरी साड़ियां वर्तमान में महिलाओं की पहली पसंद बन गई है। मध्य प्रदेश की रानी अहिल्या बाई होलकर द्वारा संकल्पित और डिजाइन की गई महेश्वरी साड़ियां शाही भव्यता को आज भी जीवंत बना देती हैं। सिल्क और सूती धागों से बुनी गई इसकी डिजाइन मनमोहक होती है और इसमें सोने की ज़री लगाई जाती है। शाही महेश्वरी साड़ी पवित्र रूप में अपनी अनोखी छटा बिखेरती हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ