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बच्चों के जीवन को संवारता है माता-पिता का सकारात्मक दृष्टिकोण - रजनीश कुमार मिश्र

दो दिवसीय कुण्डलिनी साधना शिविर का शुभारम्भ

लखनऊ। हम जो भोजन करते हैं उससे शरीर को दस प्रतिशत और श्वसन से बीस प्रतिशत ऊर्जा मिलती है। शेष ऊर्जा का संचय शरीर स्वयं करता है। चक्रों को सक्रिय कर कुंडलिनी को जागृत करने के उपक्रम में नकारात्मकता बाहर निकलती है। ये बातें परमयोगी रजनीश कुमार मिश्र शिवाय ने शनिवार को शुरू हुए दो दिवसीय कुण्डलिनी साधना शिविर के पहले दिन कहीं। 
सीतापुर रोड स्थित बोरा नर्सिंग कालेज के सुशीला देवी प्रेक्षागृह में हुए शिविर में दो सौ से अधिक साधकों ने कुंडलिनी साधना के प्राथमिक बिन्दुओं को जाना और समझा। विधायक डॉ. नीरज बोरा ने सभी साधकों का स्वागत किया। योगाचार्य ने बताया कि माता-पिता प्रत्यक्ष देवता हैं। नाभि नाल संबंध के कारण माता-पिता का चिंतन उनके बच्चों के जीवन पर भी प्रभाव डालता है। उनका सकारात्मक दृष्टिकोण बच्चों के जीवन को संवारता है।
श्री मिश्र ने साधकों को साधना की अनुभूति भी कराई तथा प्रश्नोत्तर सत्र में लोगों की जिज्ञासाओं का शमन भी किया। शिविर संयोजक बिन्दू बोरा ने बताया कि रविवार को शिविर का समापन होगा और कुंडलिनी साधना के विविध सोपानों की चर्चा के साथ अभ्यास भी कराया जाएगा।

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