लखनऊ। जिला स्वास्थ्य समिति के सहयोग से फैमिली हेल्थ इंडिया द्वारा संचालित मच्छर जनित बीमारियों के उन्मूलन पर आधारित परियोजना 'एम्बेड-यूथ इंगेजमेंट फॉर सिविक एक्शन प्रोजेक्ट' के अंतर्गत यूथ वॉलंटियर (एंबेड चैम्पियंस) का मच्छर जनित रोगों पर प्रशिक्षण हसनगंज स्थित एम्बेड कार्यालय में किया गया। समन्वयक एम्बेड-फैमिली हेल्थ इण्डिया धर्मेंन्द्र त्रिपाठी ने प्रशिक्षण के दौरान बताया कि मलेरिया एवम ड़ेंगू बीमारी के जोखिम को कम करना हमारे स्वयं के हाथों में है। हम मलेरिया डेंगू अनुरूप व्यवहार को अपनाकर इन बीमारियों से स्वयं को अपने परिवार को एवम अपने समुदाय को सुरक्षित रख सकते हैं। डेंगू मलेरिया की रोकथाम के लिए नियमित प्रचार व प्रसार बहुत महत्वपूर्ण है।
इसी के अंतर्गत 31 यूथ वॉलंटियर को मास्टर ट्रेनर वंदना दीपांकर ने प्रशिक्षण दिया। जिससे वे अपने समुदाय में मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के तरीके समुदाय के लोगों को जागरूक करेंगे और समुदाय को डेंगू व मलेरिया मुक्त बनाने में सहयोग कर सकें। प्रशिक्षण में उपस्थित यूथ कोऑर्डिनेटर शशांक यादव ने बताया कि बुखार के रोगियों को उपचार प्रदान करने के लिए समय पर जांच करना बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही साथ मच्छर कैसे पनपता है व मच्छरों का व्यवहार कैसे रहता है और उनसे हम अपने परिवार, समाज को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है। डेंगू और मलेरिया दोनों ही मच्छर जनित बीमारियाँ है। इसलिए समुदाय में लोगों को मच्छरजनित बीमारियाँ न उत्पन्न होने दें और इनसे बचाव के लिए जागरूक करें।
युवा सुगमकर्ता सोनी शर्मा ने बताया की मच्छर जनित रोगों से बचने के लिए किसी भी दशा में घरों के आस-पास गन्दगी ना होने दें। युवा समन्वयक राकेश कुमार ने बताया कि मच्छरों एवम मनुष्यों के संपर्क को रोककर ही इन मच्छर जनित बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होने बताया कि डेंगू के लिए जिम्मेदार एडीज मच्छर दिन के समय में काटता है। इसलिए सुबह-शाम पूरी आस्तीन के कपडे अवश्य पहनें और मच्छर रोधी साधनों का उपयोग करें एवं इनके पनपने वाले स्थलों को नष्ट करते रहें, डेंगू और मलेरिया से बचने के लिए तीन बातें ध्यान में रखें- मच्छरदानी में सोएं व मच्छर रोधी रेपलेंट का प्रयोग करें, बुखार, सिर दर्द, उल्टी, जोडों में दर्द, त्वचा में चकत्ते को हल्के मे ना ले। साथ ही साथ उन्होंने यूथ वॉलंटियर से बात करते हुए क्या करें और क्या ना करें पर जोर दिया।
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