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दीनदयाल स्मृति महोत्सव : रतन सिस्टर्स के नाम रही आखिरी शाम, मनोरम नृत्य से मोहा मन

लखनऊ। कथक के गढ़ लखनऊ के उभरते कथक युग्म रतन बहनों ने अपनी प्रतिभा को पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव के समापन अवसर पर सुधी संस्कृति प्रेमियों के मध्य मनोहारी रूप में प्रस्तुत किया। प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा मथुरा में आयोजित महोत्सव की आखिरी शाम रतन बहनों के नाम रही। 

गुरु अर्जुन मिश्र व सुरभि सिंह की शिष्याओं रतन सिस्टर्स ईशा रतन-मीशा रतन ने श्रद्धांजलि स्वरुप दीनदयाल उपाध्याय पर आधारित गीत मां भारती के लाल के पश्चात दर्शनीय कृष्ण वंदना व अन्य प्रस्तुतियां मंच पर सजीले अंदाज में लखनऊ घराने के अनुरूप प्रस्तुत की। 

इसके अलावा डा. श्रेया के दल ने दुर्गा स्तुति और सत्यभामा रुक्मणि कथा का चित्रण किया। कार्यक्रम के अंत में गायक मयूर ने भजनों से समां बांधा। संस्कृति विभाग के कार्यक्रम अधिकारी कमलेश कुमार पाठक ने सभी कलाकारों को अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर उपस्थित प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल व अन्य अतिथियों का आभार संस्कृति मंत्री ने व्यक्त किया।

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