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विधायक डा. नीरज बोरा ने सदन में उठाई आवाज़, बन्द हो देवी देवताओं का अनादर

वाणिज्यिक उत्पादों पर देवी देवताओं के चित्र पर प्रतिबंध की मांग

लखनऊ। वाणिज्यिक उत्पादों, उनके पैकेट व रैपर आदि पर देवी-देवताओं के नाम व उनकी छवि का उपयोग प्रतिबंधित करने सम्बन्धी संकल्प शुक्रवार को विधानसभा में प्रस्तुत हुआ। लखनऊ उत्तर के विधायक डॉ. नीरज बोरा ने कहा कि ऐसे कृत्य से हम सबकी आस्था पर चोट पहुंचती है। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सरकार की ओर से समुचित विचार करने का आश्वासन दिया।

गौरतलब है कि अनेक कंपनियां अपने प्रॉडक्ट की बिक्री के लिए देवी-देवताओं के चित्र प्रकाशित करवाती हैं। सामान के उपयोग के पश्चात अधिकतर लोगों द्वारा इसके रैपर एवं पैकिंग मटीरियल को कूड़े में अथवा गलियों बाजारों में फेंक दिया जाता है। पिछले कुछ वर्षों में बिकनी से लेकर जूते चप्पल तक, सेनेटरी टाइल्स, अगरबत्ती, पटाखे, चाकलेट, बीड़ी, तम्बाकू, गुटखे आदि पर हिन्दू देवी देवताओं के नाम व चित्र छापे जा रहे हैं। जिससे आस्थावान श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत होती हैं। विधायक डॉ. नीरज बोरा द्वारा सदन में इस विषय को उठाने पर लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त की है तथा आशा जताई है कि शीघ्र ही इस पर कठोर प्रतिबंध लगाया जाएगा।

सदन में क्षेत्रीय मुद्दों की ज़ोरदार पैरवी

सोमवार से शुरू हुए अट्ठारहवीं विधानसभा के द्वितीय सत्र की पांच दिनी बैठक में लखनऊ उत्तर के विधायक डॉ. नीरज बोरा ने क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर सदन में जोरदार पैरवी की। उन्होंने बताया कि मानसून सत्र में उनके द्वारा पूछे गए अनेक प्रश्नों में से 26 अतारांकित प्रश्न उत्तरित हुए और विकास कार्यों के मांग वाली 29 याचिकाएं सदन में उपस्थित की गईं। नियम 51 व 301 के अंतर्गत 3 विषय स्वीकार हुए। इसके साथ ही लखनऊ में गोमती तट पर काशी की भांति घाट बनाए जाने संबंधी प्रस्ताव और वाणिज्यिक उत्पादों तथा उनके पैकेट व रैपर आदि पर देवी-देवताओं के नाम व उनकी छवि का उपयोग प्रतिबंधित करने सम्बन्धी संकल्प भी प्रस्तुत हुआ।

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