- आठ जोनों में पीपीपी
मोड पर बनेंगे
एमआरएफ सेंटर
- रैग पिकर्स को लिंक
कर रोजगार देगा
नगर निगम
लखनऊ। शहर में बेपटरी हो चुकी कूड़ा निस्तारण व्यवस्था को सुधारने के लिए नगर निगम प्रशासन ने कई प्रस्ताव तैयार किए हैं। कूडेÞ को सेग्रीगेटड तरीके से एवं कवर्ड वाहनों के माध्यम से प्रोसेसिंग प्लांट तक परिवहन किए जाने के लिए खुले कूड़े पड़ाव घरों को समाप्त किया जाएगा। इनके स्थान पर 40 मोबाइल कंपैक्टर स्थापित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त 11 जेसीबी, छह हुक लोडर, 15 हाइवा, 120 आॅटो टिपर, 380 रिक्शा-ट्रॉली और सभी जोनों में 100 टीपीडी वाला एमआरएफ सेंटर भी बनाया जाना प्रस्तावित है। इसे पीपीपी मोड पर संचालित किया जाएगा। इससे नगर निगम को आय भी होगी। यहां रैग पिकर्स को लिंक कर रोजगार दिया जाएगा। सभी 110 वार्डों में प्रति वार्ड चार कर्मियों के माध्यम से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कार्य के सापेक्ष यूजर्स चार्ज कलेक्शन व सोर्स सेग्रीगेशन का कार्य शत प्रतिशत किए जाने के लिए वार्ड स्तर पर आईईसी एक्टिविटीज संचालित किए जाने के लिए संस्था का चयन किया जाएगा। नगर निगम इसके लिए ई निविदा निकालेगा।
पीपीपी मॉडल पर बनेगा कूडे से बिजली बनाने का प्लांट
पीपीपी मॉडल पर कूड़े से बिजली बनाने का प्लांट लगाए जाने की कार्ययोजना प्रस्तावित की गयी है। इसके जरिए प्रतिदिन 10 मेगावाट बिजली बनाने की योजना है। वर्ष 2001 में कूड़े से बिजली बनाने की परियोजना स्थापित की गयी थी। मगर करीब 80 करोड़ खर्च के बावजूद योजना दो कदम भी नहीं चल सकी। वर्ष 2003 में कंपनी भागने के बाद इस पर ताला लग गया। नगर निगम अब यहां की जमीन लीज कैंसिल कर दोबारा कब्जे में लेने की तैयारी कर रहा है। साथ ही एक बार फिर पीपीपी मॉडल पर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने की तैयारी की है। यहां मिश्रित कूड़े से बिजली बनेगी। रोजाना 10 मेगावाट की बिजली बनाने की तैयारी है। निगम ने कंपनियों से आॅफर मांग लिए हैं। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कार्यकारिणी की बैठक में यह जानकारी दी। बता दें कि शिवरी प्लांट में भी ईकोग्रीन की ओर से 300 करोड़ की लागत से कूडेÞ से बिजली संयत्र लगाने का प्रस्ताव दिया गया था। इसके लिए बकायदा इन्वेस्टर्स समिट में भी प्रजेंटेंशन दिया गया था लेकिन कंपनी कूड़ा निस्तारण में ही फेल साबित हो रही है।
बायो डिग्रेडेबल वेस्ट से बनेगी सीएनजी
बल्क वेस्ट जनरेटर, सब्जी मंडी, फल मंडी, गौशाला एवं डेयरियों से प्राप्त बायो डिग्रेडेबल कचरा निकल रहा है। इसके माध्यम से सीएनजी बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। सीएनजी प्लांट में 300 टन रोजाना गीले कूड़े का वैज्ञानिक ढंग से निस्तारण होगा। इससे बनने वाली सीएनजी नगर निगम को पांच रुपये कम रेट पर मिलेगी। सीएनजी प्लांट निजी कंपनी खुद के खर्च पर बनाएगी।
12 लाख टन कूड़ा निस्तारण करेगी दूसरी कंपनी
मोहान रोड स्थित शिवरी प्लांट में 12 लाख मीट्रिक टन से अधिक कचरा ढेर है। इसके निस्तारण की जिम्मेदारी ईको ग्रीन की थी, लेकिन उसने कोई काम नहीं किया। नगर निगम इसके निस्तारण के लिए नए सिरे से डीपीआर बना रहा है। किसी नई कंपनी को इस कचरे के निस्तारण की जिम्मेदारी दी जाएगी।
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