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UBI ने की किसान क्रेडिट कार्ड के डिजिटलीकरण की घोषणा

एजेंसी। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने सर्वोत्कृष्ट डिजिटल परिवर्तन परियोजना “संभव” के भाग के रूप में उद्योग में पहली बार किसान क्रेडिट कार्ड उत्पादों का किसान केन्द्रित संपूर्ण डिजिटलीकरण करने की घोषणा की। उत्पाद का उद्देश्य केसीसी उधार प्रक्रिया को इस प्रकार डिजिटल बनाया जाय कि वह अधिक कुशल और किसान के प्रयोग अनुकूल हो।

किसानों के सामने आने वाली चुनौतियां जैसे कि बैंक की शाखा में व्यक्तिगत रूप से जाना, केसीसी प्राप्त करने में भूमि के स्वामित्व और दस्तावेज़ों को जमा करना और उच्च टर्न अराउंड टाइम पर नियंत्रण पाने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक के मार्गदर्शन में रिजर्व बैंक इनोवेशन हब के सहयोग से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एक फिनटेक पहल है।
ए मणिमेखलै (प्रबंध निदेशक एवं मुख्य सीईओ, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया) द्वारा मध्य प्रदेश के हरदा जिले में प्रायोगिक परियोजना के रूप में आरंभ किये गए इस कार्यक्रम में राकेश रंजन (मुख्य उत्पाद प्रबन्धक, रिजर्व  बैंक इनोवेशन हब) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के वरिष्ठ प्रबंधन टीम ने हरदा जिले के 400 से अधिक किसानों के साथ भाग लिया। इस कार्यक्रम में हरदा जिले के अधिकारी ऋषि गर्ग भी अपनी टीम के साथ उपस्थित थे। इस प्रायोगिक से मिली सीख के आधार पर, केसीसी ऋण देने के डिजिटलीकरण का विस्तार, मध्य प्रदेश के अन्य जिलों और क्रमागत रूप में देश भर में करने की योजना है।
शुभारंभ समारोह में ए मणिमेखलै ने ग्रामीण वित्त पोषण में परिवर्तन के रूप में केसीसी के डिजिटलीकरण के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने सीधे मोबाइल हैंडसेट के माध्यम से इस यात्रा को शुरू करने के साथ केसीसी के डिजिटलीकरण के लाभों के बारे में जानकारी प्रदान की। किसी शाखा में जाने की आवश्यकता नहीं है, कोई दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं है। कृषि भूमि सत्यापन ऑनलाइन किया जाएगा। पूरी मंजूरी और संवितरण प्रक्रिया कुछ घंटों में पूरी हो जाने के कारण टर्न अराउंड टाइम (टीएटी) कम हो जाता है।

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